Bihar News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के कथित करीबी सहयोगी अमित कात्याल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने गुरुवार को अमित कात्याल की गुरुग्राम में 70 एकड़ जमीन, मुंबई में कुछ आवासीय इकाइयाँ, दिल्ली में एक फार्महाउस और उनकी रियल्टी कंपनियों की फिक्स डिपोजिट जब्त कर ली। पिछले साल अमित कात्याल को रेलवे के कथित भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और सांसद बेटी मीसा भारती शामिल हैं।
बेनामी संपत्तियों पर ED की नजर
केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि अमित कात्याल की संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 63 और 65 में 70 एकड़ जमीन, क्रिश प्रोविंस एस्टेट में पांच फ्लैट और क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट में सात फ्लैट शामिल हैं। ये सभी संपत्तियाँ बेनामी निदेशकों के नाम पर थीं। इसके अलावा, मुंबई में भी एक बेनामी कंपनी के दो फ्लैट जब्त किए गए हैं।
विदेशी निवेश का खुलासा

मार्च में ED ने इस मामले में तलाशी ली थी और 200 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे। इन दस्तावेजों में कथित तौर पर निवेशकों के पैसे का उपयोग श्रीलंका और सेंट किट्स एंड नेविस में होटल-सह-लक्जरी रियल एस्टेट परियोजना में शेल कंपनियों के जरिए पासपोर्ट हासिल करने के लिए किया गया था। इन शेल कंपनियों का “लाभकारी” स्वामित्व कात्याल के बेटे कृष्ण कात्याल के पास था।
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कोर्ट की अनुमति पर हुई कार्रवाई
विवेचक ने कोर्ट से अमित कात्याल का डीएनए सैंपल लेने की अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिलते ही यह कार्रवाई की गई। कात्याल पर आरोप है कि उन्होंने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (डीटीसीपी) से कोई लाइसेंस लिए बिना प्लॉट खरीदारों के पैसे को गैरकानूनी तरीके से इधर-उधर किया। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से निकला है। इन एफआईआर में आरोप लगाया गया कि क्रिश रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों ने भूखंडों के आवंटन की आड़ में निवेशकों को धोखा दिया और आपराधिक षड्यंत्र, गलत बयानी, धोखाधड़ी और छल के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये अवैध रूप से विदेश में भेज दिए।
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ED का सख्त रुख

ED के अनंतिम आदेश के तहत, 6 अगस्त को 113.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना और आरोपियों को सजा दिलाना है। अमित कात्याल की संपत्तियों की जांच और जब्ती का सिलसिला अभी जारी है। ED की इस सख्त कार्रवाई से भविष्य में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। यह कार्रवाई कानून का पालन करने और आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।