Telangana News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को तेलंगाना के राजस्व मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी (P. Srinivas Reddy) और उनके कुछ सहयोगियों के कई परिसरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई लगभग 100 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले से संबंधित है, जो कथित रूप से एक तस्करी गिरोह से जुड़ा हुआ है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी राज्य के विभिन्न स्थानों, विशेषकर हैदराबाद में की गई।
क्या है मामला?
इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जड़ें पी. श्रीनिवास रेड्डी के बेटे, राघव समूह के हर्ष रेड्डी के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत से जुईड़ी हुई हैं। हर्ष रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने 5 करोड़ रुपये की सात लक्जरी घड़ियों की खरीद की, जिसका भुगतान कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये के हवाला और क्रिप्टोकरेंसी रैकेट से किया गया था। इस मामले में नवीन कुमार नामक एक व्यक्ति भी ईडी की जांच के दायरे में है। 5 फरवरी को, चेन्नई में एक तस्करी के मामले में हांगकांग स्थित भारतीय मुहम्मद फहरदीन मुबीन के पास से दो मूल्यवान लक्जरी घड़ियां जब्त की गई थीं।
इनमें से एक पाटेक फिलिप 5740 और दूसरी ब्रेगुएट 2759 थी, जिनकी कुल कीमत 1.73 करोड़ रुपये थी। गौर करने वाली बात यह है कि पाटेक फिलिप का भारत में कोई अधिकृत डीलर नहीं है, जबकि ब्रेगुएट का स्टॉक भारतीय बाजार में समाप्त हो चुका है। जांच के दौरान यह सामने आया कि हर्षा रेड्डी ने आलोकम नवीन कुमार के माध्यम से मुबीन से यह घड़ियां खरीदी थीं। नवीन कुमार से 12 मार्च को पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि वह केवल एक मध्यस्थ का काम कर रहा था।
हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिये किया गया लेने-देन
ईडी (ED) की जांच में दावा किया गया है कि इस लेन-देन का भुगतान हवाला, क्रिप्टोकरेंसी और नकद के जरिए किया गया था। हालांकि, हर्षा रेड्डी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी बेगुनाही का दावा किया है। वह 27 अप्रैल को जांच में शामिल होने के लिए सहमति दे चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. श्रीनिवास रेड्डी, जो तेलंगाना सरकार में राजस्व, आवास, सूचना और जनसंपर्क मंत्री हैं, पर यह छापेमारी उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े एक गंभीर मामले में की गई है। इस मामले ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि जनता के बीच भी चर्चाओं का विषय बन गया है।
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आगे की कार्रवाई
जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1 अप्रैल को सीमा शुल्क विभाग को हर्षा रेड्डी की जांच करने का निर्देश दिया था, और आलोकम नवीन कुमार को गिरफ्तार करने की भी अनुमति दी थी। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील हो चुका है, और इससे जुड़े आरोपों ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर सवाल उठाने का अवसर दिया है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस मामले में और क्या कार्रवाई होती है और क्या तेलंगाना की राजनीति पर इसका प्रभाव पड़ेगा।