Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के तीन अन्य विधायकों के दिल्ली रवाना होने से राज्य की सियासत में भूचाल आ गया है. चंपई सोरेन, जो कि एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 0769 से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं, के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे दोपहर 3 बजे दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.
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विधायकों के लापता होने की खबरों ने बढ़ाई चिंता
बताते चले कि चंपई सोरेन (Champai Soren) के दिल्ली जाने की खबर के बाद, झारखंड के अन्य जेएमएम विधायकों, जैसे दशरथ गगराई, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेम्ब्रोम और समीर मोहंती, के भी संपर्क में न होने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं. इन विधायकों के लापता होने से राज्य में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है.कुल मिलाकर, छह विधायकों के लापता होने की खबरें हैं, जिससे राज्य में राजनीतिक उथल पुछल मच घई है.
बीजेपी में शामिल हो सकते हैं चंपई सोरेन!
सूत्रों का कहना है कि चंपई सोरेन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और उनके पाला बदलने की अटकलें पिछले दो दिनों से जोर पकड़ रही थीं. बताया जा रहा है कि सोरेन ने शनिवार को अपने वाहन काफिले को जमशेदपुर सर्किट हाउस में छोड़कर पहले कोलकाता गए और वहां से आज दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं.
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विधायकों का इनकार: कोई नहीं छोड़ेगा पार्टी
इस बीच, घाटशिला के विधायक और झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनके नाम पर उड़ाई जा रही अफवाहें गलत हैं और वे पार्टी के साथ बने रहेंगे. वहीं, खरसावां के विधायक दशरथ गागराई ने भी कहा कि वे किसी भी कीमत पर झामुमो नहीं छोड़ेंगे और पार्टी के प्रति अपनी वफादारी बनाए रखेंगे.
बीजेपी में शामिल होने से आदिवासी वोट बैंक पर असर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर चंपई सोरेन (Champai Soren) बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनावों में आदिवासी वोट बैंक पर पड़ेगा. चंपई सोरेन की कोल्हान क्षेत्र में मजबूत पकड़ है और उनकी बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को आदिवासी बहुल क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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2019 विधानसभा चुनाव का संदर्भ
2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 47 सीटें मिली थीं, जिसमें जेएमएम को 27 सीटें मिली थीं. वहीं बीजेपी को 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. अगर चंपई सोरेन (Champai Soren) बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह आगामी चुनावों में महागठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.
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