औरैया संवाददाता- जाहिद अख्तर
Vijayadashami 2023 wishes: औरैया शहर की तिलक नगर स्थित पुराने नुमाइश मैदान में रामलीला कमेटी के बैनर तले रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। जिसकी तैयारियां कमेटी के पदाधिकारी द्वारा पूरी कर ली गई है। दशहरा के अवसर पर 50 फीट के रावण के पुतले को तैयार कर लिया गया है। वही दशहरा के अवसर पर लगने वाले मेले में भी दुकानें सज गई हैं। छोटे-छोटे बच्चे रावण दहन की तैयारी को लेकर मैदान में घूमते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा शहर में लगाए गए विभिन्न दुर्गा पंडालों की विसर्जन यात्रा भी निकल गई।
रावण दहन देखने में लोगो में उत्सुकता
जिसमें देवी मां की प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए लोग डीजे की धुनों पर झूमते हुए व अबीर गुलाल उड़ाते हुए नजर आए। पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने जानकारी देते हुए बताया कि दशहरे पर्व को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है और चिन्हित स्थानों पर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। वहीं उन्होंने बताया विसर्जन यात्रा को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
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क्यों मनाया जाता है दशहरा
आमतौर पर दशहरे का संबंध भगवान राम से माना जाता है। दशहरे को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के तौर पर मनाते हैं। इसी दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था, लेकिन बस्तर के दशहरे का संबंध महिषासुर का वध करने वाली मां दुर्गा से जुड़ा हुआ है। दशहरा जिसे विजयादशमी भी कहते है इस दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार माना जाता है। इस दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था। दशहरे पर देश के कई हिस्सों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है।
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नीलकंठ के दर्शन करना शुभ
दशहरा पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने को बहुत ही शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय,धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।