Budget session: संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बजट (Budget) पर चर्चा आज भी जारी रहेगी। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि कल बजट पर चर्चा का पहला दिन था और हर कोई उसी पर चर्चा देखना चाहता था, लेकिन विपक्षी दलों ने कुछ ऐसे बयान दिए जिनकी हम निंदा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हम सबको मिलकर काम करना होगा, लेकिन विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। विपक्ष दो ही काम कर रहा है, एक तो उन्होंने गाली दी और दूसरा राजनीति की, जबकि होना यह चाहिए कि बजट पर चर्चा हो रही है तो चर्चा ही होनी चाहिए।
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बजट का महत्व और विपक्ष का रवैया
रिजिजू ने कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए है, लेकिन विपक्ष को मध्यम वर्ग, महिलाएं और अन्य वर्गों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है। उन्हें बजट में सुझाव देने चाहिए कि विभिन्न नीतियों के तहत आवंटित रुपयों को कैसे खर्च किया जाए, मगर उनका बजट पर कोई ध्यान नहीं है, वे सिर्फ नाटक और राजनीति कर रहे हैं। वे जनादेश का अपमान कर रहे हैं।
विपक्ष के आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया
कल हुई चर्चा में विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अपनी सरकार बचाने के लिए बजट में एनडीए (NDA) सहयोगियों नायडू और नीतीश की झोली भर दी है, वहीं दूसरे राज्यों की अनदेखी की है। दो राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों को कोई फायदा नहीं दिया गया। इस आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जवाब दिया कि बजट में नाम न लेने से ऐसा नहीं है कि उन राज्यों की अनदेखी की गई।
संसदीय कार्यमंत्री का बयान
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आप सभी ने बुधवार की चर्चा देखी होगी। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश हो चुका है। इसके बाद देश यह देखना चाहता है कि बजट पर चर्चा अच्छे और सार्थक तरीके से हो। कुछ दलों के नेताओं ने बजट सत्र के दौरान टिप्पणी की। विपक्ष जनादेश का अपमान कर रहा है। जिस तरह से विपक्ष के नेताओं ने भाषण दिए, मैं कहना चाहूंगा कि उन्होंने बजट सत्र की गरिमा को गिराकर सदन का अपमान किया है।
प्रधानमंत्री की अपील और विपक्ष की आलोचना
किरण रिजिजू ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी के लिए जो कुछ भी करना था, चुनाव में कर चुके हैं। अब सबको मिलकर देश के लिए काम करने की जरूरत है, पार्टी के लिए नहीं। बुधवार को विपक्ष के लोगों ने बजट पर कुछ नहीं कहा, उन्होंने सिर्फ राजनीति की। उन्होंने देश के जनादेश का अपमान किया है और विपक्ष के लोगों ने प्रधानमंत्री को गाली दी है।
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जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया बजट
संसद में बजट सत्र का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह देश की आर्थिक दिशा और नीतियों का निर्धारण करता है। ऐसे में, विपक्ष का केवल हंगामा और राजनीति करना उचित नहीं है। बजट पर गंभीर और सार्थक चर्चा होनी चाहिए ताकि देश के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। विपक्ष को चाहिए कि वे बजट पर सकारात्मक सुझाव दें और देश की प्रगति में सहयोग करें। जनता की समस्याओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने जो बजट प्रस्तुत किया है, उसे समझना और उस पर विचार करना आवश्यक है। राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर, देश की भलाई के लिए सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए। अगर विपक्ष को किसी मुद्दे पर आपत्ति है, तो उन्हें तथ्यों और तर्कों के साथ अपनी बात रखनी चाहिए, न कि केवल हंगामा करना।
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