पूरे देशभर में दुर्गा पूजा का Festival चल रहा है जगह जगह पंडाल सजे हुए है लेकिन अगर बात की जाये दुर्गा पूजा लुक की तो हमेशा से ही अलग रहा है आइए जाने कि कैसे करे अपना लुक तैयार जो लगे सबसे हट कर बंगाल में दुर्गा पूजा के लिए लोग सबसे ज्यादा उत्साहित रहते हैं। वहां मां दुर्गा की पूजा सच्चे मन और पूरे उत्साह से की जाती है।
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मूर्तियों की जाती है स्थापना
इस पूजा में जगह-जगह मां दुर्गा का पंडाल सजाया जाता है, जिसमें माता रानी की बड़ी-बड़ी मूर्तियों की स्थापना की जाती है। बहुत सी जगहों पर तो थीम के आधार पर माता रानी का पंडाल सजाया जाता है। इस दौरान महिलाएं सबसे ज्यादा उत्साहित होती हैं, क्योंकि ये उनके लिए सजने और संवरने का अच्छा मौका होता है।
पारंपरिक लाल साड़ी पहने
ऐसे में अगर आप दुर्गा पूजा में बंगाल की पारंपरिक लाल पार साड़ी पहनना चाहती हैं, तो पहले इसके बारे में जान लें। इससे आपका लुक और प्यारा दिखेगा। यहां हम आपको न सिर्फ लाल पार साड़ी की खासियत बताएंगे, बल्कि उसे पहनने का सही तरीका भी हम आपको बताएंगे। लाल पार साड़ी बंगाल की पापंरपरिक साड़ी है, जिसे वहां की महिलाएं पूजा-पाठ और शादी विवाह में पहनना पसंद करती है। खासतौर पर जब बात आती है दुर्गा पूजा की, तब तो महिलाएं यही साड़ी पहनती हैं। आमतौर पर यह साड़ी सफेद रंग की होती है और इसके किनारों पर लाल रंग के मोटा सा बॉर्डर होता है।
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सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है
साड़ी का लाल रंग नारी शक्ति और सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इसे पहनने से महिलाओं में गरिमा और शालीनता झलकती है। ये साड़ियां अक्सर सूती, तांत या सिल्क (रेशम) से बनी होती हैं। जिसकी वजह से ये काफी आरामदायक होती हैं। किसी भी साड़ी को पहनने से पहले हमेशा पेटीकोट और ब्लाउज पहना जाता है। ऐसे में इसे पहनने से पहले भी आप ब्लाउज और पेटीकोट पहन लें। अब लाल पार साड़ी को कमर पर दाईं तरफ से लपेटना शुरू करें। पल्लू को पीछे की तरफ रखें और बाकी साड़ी को कमर के चारों ओर एक चक्कर पूरा करते हुए लपेट लें।
5-7 इंच की चौड़ी प्लीट्स
साड़ी को अब पेटीकोट में अच्छी तरह से टच इन कर लें, ताकि ये निकले नहीं।अब बचे हुए कपड़े से 5-7 इंच की चौड़ी प्लीट्स बनानी शुरू करें। साड़ी के निचले हिस्से में प्लीट्स बनाते समय ध्यान दें कि वे एकसमान हों। बनाने के बाद इन प्लीट्स को अपने पेटीकोट में आगे की तरफ अंदर घुसा लें। ध्यान रखें ये एक समान रहें, वरना पेट मोटा दिखेगा।पारंपरिक बंगाली स्टाइल में पल्लू को आगे से उल्टा लपेटा जाता है और कंधे से बांध लिया जाता है ताकि लाल बॉर्डर का हिस्सा कंधे और पीठ पर अच्छे से दिख सके। बस इसी प्रकार से साड़ी का पल्लु अटैच करें और इस पर पिन लगा लें, ताकि ये निकले नहीं।