Vrindavan News : विश्व की सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर दिनों दिन लोगों का रुझान बढ़ता चला जा रहा है उनका विश्वास भी विगत कुछ सालों से बढ़ रहा है भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व आज आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के आगे नतमस्तक है । आयुर्वेद को आगे ले जाने में सरकार की भूमिका तो अहम है ही लेकिन डॉक्टर अभिषेक शर्मा जैसे डॉक्टरों की भी अहम भूमिका है । 17 वर्ष की चिकित्सा सेवाएं देते हुए उन्होंने आयुर्वेदिक सर्जरी के क्षेत्र में कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे मथुरा जनपद का नाम ही नहीं वल्कि पूरे देश का नाम रोशन हुआ है। डॉक्टर शर्मा को उनके किए गए आयुर्वेदिक सर्जरी की योगदान के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चयन कर एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम किए।
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इस कार्य में अपना पूरा योगदान दिया
एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने की बाद डॉक्टर अभिषेक शर्मा का सम्मान वात्सल्य ग्राम की संस्थापिका साध्वी ऋतंभरा जी उर्फ दीदी मां ने किया उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे वृंदावन के डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने आयुर्वेद क्षेत्र में चार-चार वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम लिखवाकर संपूर्ण भारतवर्ष का नाम रोशन किया है। आयुर्वेद एवं मंत्र चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए डॉक्टर शर्मा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इन्होंने पूरे भारतवर्ष में आयुर्वेद के डॉक्टरो को ट्रेनिंग देकर आयुर्वेदिक क्षार सूत्र चिकित्सा को नया आयाम दिया है। डॉक्टर शर्मा ने यह कार्य अपनी पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ किया है । साथ ही साथ डॉ अभिषेक की धर्म पत्नी डॉ तपस्या शर्मा का भी साधुवाद जिन्होंने इस कार्य में अपना पूरा योगदान दिया।डॉ अभिषेक शर्मा के इस योगदान के लिए सरकार को भी डॉ शर्मा को प्रोत्साहित करना चाहिए ।
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चार वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट उनको प्राप्त हुए
डॉ शर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि आज से 3 माह पूर्व डॉ मेरे पास इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से कॉल आया और उनसे आयुर्वेद सर्जरी में की गई उपलब्धि की लिस्ट मांगी गई। 3 माह के बाद डॉक्टर शर्मा का चयन आयुर्वेद में दिए गए योगदान के लिए एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ। जिसकी ट्रॉफी, चार वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट उनको प्राप्त हुए ।
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थेरेपी के लिए रियल लाइफ हीरो अवार्ड से भी सम्मानित किया
विश्व में प्रथम बार मंत्रो द्वारा अर्द्ध बेहोशी की अवस्था में ले जाकर मरीज का क्षार सूत्र ऑपरेशन डॉक्टर शर्मा द्वारा किया जा रहा है यह थेरेपी डॉक्टर शर्मा द्वारा ही प्रथम बार ईजाद की गई है। इस मंत्र चिकित्सा से बिना बेहोशी के इंजेक्शन दिए मरीज को अर्द्ध चेतन अवस्था में ले जाया जाता है। उसके चेतन मन को सुलाकर दर्द रहित आपरेशन किया जाता है जिससे मरीज का शरीर व मन रिलैक्स हो जाता है और मरीज भी बड़ा अच्छा महसूस करता है विगत कुछ महत्वपूर्ण भी डॉक्टर अभिषेक शर्मा को दिल्ली की संस्था गोल्डन स्पैरो ने इसी थेरेपी के लिए रियल लाइफ हीरो अवार्ड से भी सम्मानित किया था। डॉ शर्मा को मंत्रो द्वारा अर्द्ध बेहोशी में ले जाकर क्षार सूत्र चिकित्सा करने के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चयनित किया गया है।
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आयुर्वेद चिकित्सा करने के लिए स्वाभिमान जागृत होगा
दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए डॉक्टर अभिषेक शर्मा द्वारा मात्र 42 वर्ष की उम्र में अब तक 450 से अधिक भारत के समस्त राज्यों व नेपाल से आए बीएएमएस, एमबीबीएस, एमडी व एमएस डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देकर क्षार सूत्र चिकित्सा में पारंगत किया है।अब तक आयुर्वेद के लुप्त होने का कारण यही था कि कोई भी अपना ज्ञान आगे वाले डॉक्टर को नहीं सिखाता था लेकिन डॉक्टर शर्मा का मानना था कि अपना ज्ञान आगे देने से ही आयुर्वेद का विकास होगा और आयुर्वेदिक चिकित्सकों में भी आयुर्वेद चिकित्सा करने के लिए स्वाभिमान जागृत होगा।
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इस योगदान के लिए विश्व रिकॉर्ड हेतु चयनित किया गया
यही विश्वास रखते हुए विगत 11 वर्षों से 450 से अधिक डॉक्टर को आयुर्वेदिक क्षार सूत्र चिकित्सा में पारंगत कर चुके हैं इनके द्वारा सिखाए हुए अनेकों डॉक्टर बड़े-बड़े कॉलेज में शल्य के एचओडी या प्रोफेसर है। भारत में ऐसा कोई कोना नहीं है जहां डॉक्टर शर्मा के द्वारा सिखाए गए डॉक्टर कार्य न कर रहे हों। आज क्षारसूत्र चिकित्सा को पूरे भारत व नेपाल में बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर शर्मा के इस योगदान के लिए विश्व रिकॉर्ड हेतु चयनित किया गया है।इस अवसर पर आचार्य वद्रीश, सौरभ गौड़, सत्यमित्रानंद जी, देवेंद्र शर्मा, आकाश गोस्वामी,संजय शर्मा , डॉ तपस्या शर्मा आदि मौजूद रहे।