Covid 19 In India: नए साल से पहले देश में एक बार फिर कोरोना ने लोगों को डराना शुरु कर दिया है। देश में बढ़ते कोरोना के मामलों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है और मास्क पहनने पर मजबूर कर दिया है। बढ़ते कोरोना के मामलों ने केंद्र और राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है। क्या कोरोना का नया वेरिएंट भी पहले वेरिएंट की तरह कहर बरपाएगा?
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कर्नाटक में कोरोना का कहर
देश में कोरोना के नए मामलों में भारी इज़ाफ़ा देखने को मिल ही रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामलों की बात करें तो 412 नए मामले दर्ज किये गए हैं। इसके साथ ही कर्नाटक में 3 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। सबसे ज्यादा कोरोना के केस कर्नाटक में दर्ज किए गए है। यहां एक दिन में कोरोना के 92 केस सामने आएं है।
वैश्विक स्तर पर 52 फीसदी का उछाल
पिछले 4 हफ्तों में कोरोना के मामलों में वैश्विक स्तर पर 52 फीसद का उछाल देखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार 24 दिसंबर तक देशभर में इस वैरिएंट के कुल केस 63 हो गए। सबसे डराने वाली बात तो ये है कि एक दिन पहले तक ये केस सिर्फ 22 थे, यानी इसमें करीब तीन गुना इजाफा हो गया। नए वैरिएंट को लेकर एक्सपर्ट्स ने पैनिक न करने की सलाह दी है। फिलहाल राहत की बात ये है कि JN.1 के मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं है। इस बीच एक्सपर्ट्स ने ये भी बताया कि JN.1 वैरिएंट बिल्कुल XBB वैरिएंट की तरह है। इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। कोराना वायरस पर अब तक के पांच बड़े अपडेट यहां जानिए।
इन 2 राज्यों में चिंता का विषय
अब बात ये उठती है कि देश के किस राज्य में कितने केस है, या फिर सबसे ज्यादा केस कहां पर पाए गए है। कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 के मामले एक दिन में करीब तीन गुने बढ़ गए। सूत्रों के अनुसार 24 दिसंबर तक देश में वेरिएंट JN.1 के 63 केस मिल चुके हैं। JN.1 के आधे से ज्यादा मामले दो राज्यों से हैं। सबसे ज्यादा 34 केस गोवा में हैं, वहीं महाराष्ट्र में दूसरे सबसे ज्यादा केस 9 मिले हैं। इन दिनों गोवा में भारी मात्रा में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इसमें विदेशी टूरिस्ट भी शामिल हैं। गोवा और महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में 8, केरल से 6, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना में 2 मामले मिले हैं।
92 फीसदी से ज्यादा लोग घर पर ही ठीक हो रहे
एक्सपर्ट्स कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर लगातार लोगों से पैनिक न होने के लिए अपील कर रहे है। कोरोना के नए वेरिएंट के मरीज ठीक हो कर घर भी जा रहे है। 92 फीसदी से ज्यादा मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि JN.1 के लक्षण फिलहाल काफी हल्के हैं। ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। इसलिए चिंता की बात नहीं है। आमतौर पर मरीज घर पर ही चार-पांच दिनों में ठीक हो रहे हैं। इसके लक्षण आम वायरल जैसे ही हैं। JN.1 के मरीजों में खांसी-जुकाम, बुखार, शरीर में दर्द जैसे कॉमन लक्षण नजर आ रहे है।
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दिल्लीवालों में कोरोना का खौफ
गोवा-महाराष्ट्र समेत दक्षिण के राज्यों में कोविड-19 मामले बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए दिल्लीवालों के मन में भी चिंता पैदा हो रही है। दिल्ली में फिलहाल कोरोना मामले काफी कम आ रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन कोविड-19 के औसतन तीन से चार नए मामले सामने आ रहे हैं और सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित प्रसार से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में शनिवार को कोरोना के दो और मरीज मिले हैं। इनमें से एक शख्स कोलकाला से लौटा था।
नए साल में नहीं बरती सावधानी तो हो सकता है खतरा
फिलहाल देश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन अगर सावधानी नहीं बरती गई तो लोगों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। जिस तरह से पर्यटक स्थलों पर लोगों की भीड़ जुट रही है, इससे चिंता बढ़ सकती है। केंद्र सरकार ने पहले ही कोरोना पर राज्यों को अलर्ट कर दिया है। जिस तरह से गोवा में JN.1 के केस मिले हैं, पर्यटक स्थलों पर कोविड गाइडलाइन पालन करना अनिवार्य हो सकता है। कुछ राज्यों ने पहले ही मास्क अनिवार्य कर दिया है। कोविड के बढ़ते केस के बीच लोगों के मन में नए साल के जश्न को लेकर चिंता होना आम है।
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