अगर आप भी गोवर्धन पूजा में इस्तेमाल किये हुए गोबर को फेकने का सोच रहे हैं तो रुक जाए….. क्योकि यह मान्यता है कि पूजा के बाद गोबर से बने गोवर्धन पर्वत को फेंकना नहीं चाहिए। अब आप ये सोच रहे होंगे की फिर इस गोबर का क्या करें तो जैसा कि आप जानते हैं कि आजकल चीजों का रीयूज (Reuse) करने का बड़ा चलन है। तो इसी तरह आप भी गोवर्धन पर्वत के गोबर का पूजा होने के बाद दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर कैसे? यही सोच रहे है न आप आइए बताते है……..
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जैसे की आपको पता हैं कि, पौधों के लिए गोबर की खाद काफी फायदेमंद होती है, इसलिए लोग गोवर्धन के गोबर को पौधों में डालने का भी सोचते हैं। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रही हैं, तो पहले जान ले कि, ताजे गोबर की खाद कभी नहीं बनाई जा सकती है,उसके लिए गोबर को कम से कम थोड़ा सा सूखना होगा।
नहीं तो गोबर के अंदर कीड़े होने और फंगस लगने का खतरा होता है। गोबर की खाद तभी बनाई जा सकती है जब वह थोड़ा सूख गया हो। सूखा नहीं होने की वजह से फंगस बहुत तेजी से पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ताजे गोबर की गंध बहुत तेज होती है। इसमें नमक और नाइट्रोजन दोनों की मात्रा ज्यादा होती है। जो पौधों के लिए टॉक्सिक हो जाएगी। ऐसे में ताजा गोबर खाद समझ कर पौधों में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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एक और सवाल
अब सवाल ये भी आता है कि गोवर्धन पूजा के बाद गोबर का दोबारा इस्तेमाल पौधों के लिए खाद बनाने में कर सकते हैं क्या। तो इसका जवाब हां होगा। दरअसल गोवर्धन बनने के बाद गोबर को सूखने के लिए समय मिल जाता है। तो यह ताजे गोबर की तरह नहीं रहता है। अगर इसमें प्रसाद चढ़ाया है और चीनी, बताशे आदि भी हैं तब भी खाद बनाई जा सकती है। बस ध्यान रहे कि कुमकुम लगा हिस्सा यूज ना करें, क्योंकि कुमकुम पौधों को नुकसान पहुँचता है।
कैसे करें गोबर से कंडे
आप गोबर का कांडा बनाकर सुखा लीजिये। अब कंडों के छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी मिला दें। इस तरह लिक्विड कंसिस्टेंसी (Liquid Consistency) में लाना होगा। आप चाहें तो इसे इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर बहुत ही ज्यादा असरदार फर्टिलाइजर बनाना चाहती हैं, तो आपको थोड़ी मेहनत और करनी होगी। आपको इस लिक्विड को 2 दिन दीजिए और किसी शेड वाले एरिया में रखें। जब रंग गाढ़ा हो जाए तो किसी लकड़ी से मिक्स कर दीजिए।
अब आप इसमें सरसो खली भी मिला सकती हैं, ढक कर रखने के बाद हर तीन दिन में चलाते रहें। इस प्रोसेस को कम से कम एक महीने तक करना होगा। इसके बाद पानी में मिलाकर आप पौधों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर गाय के गोबर को वर्मी कम्पोस्ट में इस्तेमाल करना है तो पूरी तरह से सूखने दें। अब इसे बाकी ऑर्गेनिक वेस्ट और किचन वेस्ट के साथ मिलाकर कम से कम 20 दिनों तक रखें। ऐसा करने से कम्पोस्ट में फर्मेंटेशन होना होगा, तो पौधों की जड़ों तक पहुंचने से पहले हो चुका होगा। बस ध्यान दे कि, कम्पोस्ट में जो भी चीजें मिलाएं उसका 30% हिस्सा गोबर होना चाहिए।