कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह त्यौहार मनाया जाता है 10 नवंबर को दोपहर 12:35 से शुरू होगी जो की 11 नवंबर दोपहर 1:00 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी धनतेरस तिथि प्रदोष काल में पूजा की जाती है धनतेरस 10 नवंबर को ही मनाया जाएगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार त्योहारों पर कई दुर्लभ योग बनते हैं जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश दुनिया पर पड़ता है इस साल धनतेरस पर 50 वर्ष बाद अद्भुत योग बन रहा है धनतेरस के दिन यह पंचक शिव वास और प्रदोष व्रत का भी संयोग पड़ रहा है यह संयोग 50 वर्ष बाद पड़ रहा है जिससे कुछ राशियों पर धन कुबेर की अपार कृपा रहेगी इस दिन भगवान कुबेर और धनवंतरी धनवंतरी की विशेष पूजा की जाती है इस दिन आप झाड़ू हल्दी की गांठ धनिया कौड़ी गोमती चक्र स्वर्ण आभूषण भूमि वाहन या आदि प्रकार के नई वस्तु या नए संसाधन खरीद सकते हैं। तांबा और पीपल के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
क्या ना खरीदें…
धनतेरस के मौके पर चाकू कैंची सुई जैसी धारदार नुकीली चीजों को खरीदने से बचना चाहिए ऐसी मान्यता है की ऐसी चीज खरीदने से दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।
धनतेरस पूजन का मुहूर्त शाम 5:45 से शाम 7:42 तक।
खरीदारी मुहूर्त 2:45 से 11 नवंबर सुबह 6:40 तक 10 नवंबर दोपहर।