दिवाली के पर्व की आज से सभी के घरों में तैयारियों की शुरुआत हो गई है इस मौके पर आज पहले दिन धनतेरस का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और धन के देवता कुबेर जी की पूजा की जाती है और इससे जुड़ी मान्यता है कि,इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उस पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है इसके साथ ही धन के देवता महाराजा कुबेर का भी आशीर्वाद मिलता है धनतेरस में 13 दिए जलाए जाते हैं और विधि-विधान के साथ सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है।
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क्या है पूजा का समय ?
धनतेरस पूजा का समय त्रयोदशी तिथि को मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 की सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा और त्रयोदशी तिथि का समापन अगले दिन बुधवार 30 अक्टूबर 2024 की दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा इस बार धनतेरस की पूजा के लिए कुल 1 घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा।
कहाँ-कहाँ जलाएं दीये ?
मां लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए धनतेरस की रात घर के पूजा घर में अखंड दीपक जलाने की मान्यता है ऐसा माना जाता है कि,इससे घर में सुख समृद्धि आती है और वास्तु दोष भी दूर होते हैं।धनतेरस के दिन रात के समय बेल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाएं ऐसा कहा जाता है कि,बेल के पेड़ में भगवान शिव, माता पार्वती, लक्ष्मी जी समेत कई देवी-देवताओं का वास होता है जिससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
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धनतेरस की रात में गाय के घी का दीपक तुलसी के पौधे पर जरूर जलाए ऐसा करने से मां लक्ष्मी के साथ साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है।धनतेरस में पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जरूर जलाएं ऐसी मान्यता है कि,ऐसा करने से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है।धनतेरस में घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में भी घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए।