Uttrakhand: पर्यटन की बात हो और उत्तराखंड का जिक्र न हो ऐसा कहा संभव हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जिसके लिए अब जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की तर्ज पर टूरिज्म जोन विकसित करने की तैयारी है। जिसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं। जिससे की लोग जल्द ही पर्यटक टूरिज्म जोन में वन्यजीवों और वन्य सौंदर्य का दीदार कर सकेंगे।
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फोटो जोन दर्शकों के लिए खोला गया
आपको बता दे कि धामी सरकार कई अन्य क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने की लगातार कवायद कर रही है। जिससे की पर्यटको को जल्द से जल्द लुफ्त उठाने का मौका मिल सके। तराई पश्चिमी वन प्रभाग में फाटो जोन दर्शकों के लिए खोला गया है। फाटो जोन में 100 जिप्सियां पर्यटकों को लेकर सफारी करती हैं। रामनगर वन प्रभाग में भी सीताबनी जोन पहले से संचालित हैं।
जिप्सियां सफारी पर पर्यटकों के साथ निकलती
सीताबनी जोन में 100 जिप्सियां सफारी पर पर्यटकों के साथ निकलती हैं। तराई पश्चिमी वन प्रभाग में हाथी डगर जोन विकसित किया जाना है। पर्यटन का विस्तार होने से 10 हजार लोगों की बेरोजगारी दूर होगी। सरकार का मकसद पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ाना भी हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
दोनों पार्कों पर दबाव बढ़ता जा रहा
उत्तराखंड में पर्यटन पर तैयारियां बहुत ही जोरो से चल रही हैं। वहीं पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने से दोनों पार्कों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा था। जिसके लिए दोनों पार्कों पर दबाव को कम करने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया हैं। अब उत्तराखंड के अन्य वन प्रभाग में भी पर्यटन की गतिविधियां शुरू करने को हरी झंडी मिल गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल संयुक्त रूप से लगातार कवायद में जुटे हुए हैं।
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रोजगार को बढ़ावा मिलेगा
उत्तराखंड को वन मंत्री का कहना है कि पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा पर्यटन गतिविधियों की गहमागहमी में तस्करों को वन्यजीवों का शिकार करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए रोजगार देने के साथ-साथ जंगली जानवरों की सुरक्षा का भी ध्यान उत्तराखंड सरकार रख रही है।