America interfered in India’s internal affairs: भारत के विरोध करने के बाद भी अमेरिका बाज नहीं आया. अमेरिका ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामले को लेकर टिप्पणी की है. पहले सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर और अब कांग्रेस पार्टी के फ्रीज बैंक अकाउंट के आरोपों को लेकर चुटकी ली है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताता है. कूटनीति में दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है. साथ ही लोकतंत्र के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है. ऐसा न करने से गलत मिसाल कायम हो सकती है. भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं, जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है.
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प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि अमेरिका हर मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है. उन्होंने कहा,’वह किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन निश्चित रूप से वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं. उन्होंने एजेंसी से बातचीत में कहा कि किसी को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
सीएम केजरीवाल को लेकर क्या कहा?
बता दे कि इससे पहले अमेरिका सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयानबाजी कर चुका है. अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन ने केजरीवाल के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित किए जाने की मांग की है. भारत ने अमेरिका की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को मिशन के कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में तलब किया. करीब 30 मिनट चली बैठक में साफ किया गया कि अमेरिका को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का हक नहीं है.
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