Digital – प्रशान्त त्रिपाठी
अररिया, बिहार। भारत में लोकतंत्र एक अहम् भूमिका रखता है जहाँ प्रेसर भारत में स्वतन्त्र रूप से निष्पक्ष कार्य करता है वही बिहार के अररिया जिले से एक मामला सामने आया है जहाँ लोकतंत्र की सरेआम हत्या करदी जाती है, बताया जा रहा है कि रानीगंज में पत्रकार विमल यादव की आज सुबह कुछ बदमाशो ने गोली मार कर हत्या कर दी. कुछ साल पहले इनके भाई की हत्या हुई थी जिस मामले में पत्रकार विमल यादव गवाह थे. परिवार ने आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि विमल ने खुद की सुरक्षा को देखते हुए बंदूक के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया था। कई बार आवेदन देने के बाद भी लाइसेंस नहीं मिल पाया। इस पर प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया।
मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन सतर्क हो गया. अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि “बिहार के अररिया के रानीगंज बाजार इलाके में सुबह करीब 5.30 बजे दैनिक जागरण के पत्रकार विमल की चार लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। एफएसएल टीम मौके पर है, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।”
इस पर है हत्या का शक
सूत्रों की मिली जबकरि के अनुसार, सदर अस्पताल में पत्रकार, स्थानीय लोग और परिजनों की भीड़ लगी हुई है। पुलिस मामले की जांच में लगी हुई है। वहीं परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी।
भाई की हत्या के गवाह थे विमल
रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि 4 साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की भी हत्या कर दी गई थी। उस समय गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्या के एकलौते गवाह थे। मामला स्पीड ट्रायल पर चल रहा था। विमल की भी गवाही होनी थी लेकिन फिर अचानक आज उनकी भी हत्या कर दी गई। मृतक के परिवार ने कहा कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। गवाही के बाद आरोपी को डर था कि उसे उम्र कैद की सजा न हो जाए इसी वजह से बचने के लिए उसने ऐसा किया।
बंदूक के लाइसेंस के लिए भी किया था आवेदन
परिवार ने आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि विमल ने खुद की सुरक्षा को देखते हुए बंदूक के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया था। कई बार आवेदन देने के बाद भी लाइसेंस नहीं मिल पाया। इस पर प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया।
आगे कहा, एक सप्ताह पहले भी विमल ने अपने दोस्तों से कहा था उनकी जान को खतरा है। कुछ अपराधियों द्वारा लगातार उनका पीछा किया जाता है। डर लगता है कहीं अपराधी उसे भी न मार दें। भाई की हत्या के बाद विमल ही अपने परिवार को संभाल रहे थे।