दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत एक वर्षीय Post Graduate (PG) कोर्स 2026 से शुरू होने की योजना बना रहा है। इस योजना का ड्राफ्ट प्रस्ताव 27 दिसंबर को होने वाली अकादमिक परिषद की बैठक में इससे जुड़े बदलावों के लिए निर्णय लिए जाने की बात रखी जाएगी हैं।हालांकि, बता दे…. कि, कुछ शिक्षकों ने इसे शीघ्रता में चर्चा के लिए लाने का आरोप लगाया है, क्योंकि यह बदलाव छात्रों और शिक्षकों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
इसमें तीसरे साल के बाद छात्रों के लिए दो साल का Post Graduate (PG) कोर्स भी प्रावधानित किया गया है, जो उन्हें स्नातक के बाद सीधे पीजी में प्रवेश करने का अवसर देगा। इस मॉडल में, छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान जरूरत के अनुसार छोड़ने का विकल्प देने से, उनकी शिक्षा को अधिक व्यक्तिगत और अनुकूलित किया जा सकेगा, और वे अपनी पसंद के अनुसार आगे बढ़ सकेंगे।
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Undergraduate वालो के लिए किये बदलाव
DU ने पहले ही चार साल का अंडरग्रेजुएट (4-Year Undergraduate Programme) कार्यक्रम की शुरुआत की है, और वर्तमान में तीसरे सेमेस्टर के बैच की पढ़ाई चल रही है। इस कार्यक्रम के तहत, यदि कोई छात्र पहले साल में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, दूसरे साल में छोड़ने पर डिप्लोमा और तीसरे साल में छोड़ने पर डिग्री मिलेगी। चौथे साल की पढ़ाई पूरी करने पर छात्र को डिग्री के साथ ऑनर्स भी दिया जाएगा।इस बदलाव से DU का शैक्षिक ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बदल रहा है, और यह शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलावों की दिशा में एक कदम हो सकता है।
UG के बाद अब PG वालो के लिए बैठक
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में चार साल के स्नातक (UG) कोर्स के बाद छात्रों को एक साल का Post Graduate (PG) कोर्स करने का विकल्प मिलेगा। यह विकल्प 2026 से शुरू होने वाले सत्र से उपलब्ध होगा। इसके तहत, छात्रों को चार साल के स्नातक कार्यक्रम को पूरा करने के बाद एक साल का पीजी कोर्स करने का अवसर मिलेगा, जो NEP के अंतर्गत दी जा रही नई शिक्षा प्रणाली का हिस्सा है।इसके अलावा, दिल्ली यूनिवर्सिटी विदेशी संस्थानों के साथ ट्विनिंग डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की भी तैयारी कर रहा है।
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विदेश संस्थानों में पढ़ने का मौका
इस कार्यक्रम के तहत, छात्रों को एक सेमेस्टर विदेश स्थित संस्थानों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। यह कदम छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने और वैश्विक शिक्षा मानकों से परिचित होने का एक अनूठा अवसर होगा।दोनों ही प्रस्तावों को 27 दिसंबर को होने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की अकैडमिक काउंसिल की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। यदि ये प्रस्ताव मंजूर हो जाते हैं, तो यह DU की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार का संकेत होगा, जिससे छात्रों को अधिक वैश्विक और लचीला शैक्षिक अनुभव मिलेगा।
सिलेबस में भी बदलाव
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में तीन साल के स्नातक (UG) कोर्स को चार साल में बदलने का कदम अकैडमिक सत्र 2022-23 से लागू किया गया था। इस बदलाव के तहत, अब यूजी छात्र तीसरे साल की पढ़ाई कर रहे हैं और सिलेबस में भी बड़े बदलाव किए गए हैं।इस बदलाव के कारण, पीजी (Post Graduate) कोर्सों के सिलेबस में भी बदलाव की आवश्यकता महसूस हो रही है। जो छात्र तीसरे साल में ग्रेजुएशन पूरा करेंगे, उन्हें अब दो साल के पीजी कोर्स में प्रवेश मिलेगा, और उनका पाठ्यक्रम पुराने पीजी कोर्स के मुकाबले अलग होगा।
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काउंसिल की बैठक में दी मंजूरी
इस नई व्यवस्था के तहत, चार साल के यूजी कोर्स के छात्र को पीजी में एक साल और दो साल का नया करिकुलम मिलेगा, जो उनकी बढ़ी हुई शिक्षा की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाएगा।इस नए पीजी करिकुलम फ्रेमवर्क को 27 दिसंबर को होने वाली अकादमिक काउंसिल की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इस करिकुलम को 3 और 27 दिसंबर को DU के सभी विभागों के हेड्स और सेंटर्स के डायरेक्टर्स के सामने प्रस्तुत किया गया है।यह बदलाव दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षिक ढांचे को अधिक लचीला और संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को बेहतर और अधिक उन्नत शिक्षा का अवसर देगा।