Independence Day 2024: दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) को झंडा फहराने के लिए नामित किया है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कार्यक्रम के लिए मंत्री आतिशी (Atishi) का नाम तय किया था. लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने इस पर रोक लगाते हुए निर्णय को अमल में नहीं आने दिया.
सामान्य प्रशासन विभाग का निर्णय
बताते चले कि सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद रहते हुए किसी मंत्री को झंडा फहराने के लिए अधिकृत नहीं कर सकते. इस संदर्भ में, विभाग ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता दिवस के स्टेट लेवल कार्यक्रम की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और गृह विभाग की होती है. इसी कारण से उपराज्यपाल ने दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) को झंडा फहराने की अनुमति दी है.
जीडीए मंत्री गोपाल राय का निर्देश
आपको बता दे कि सोमवार को जीडीए मंत्री गोपाल राय ने सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इच्छा के अनुसार आतिशी (Atishi) के तिरंगा फहराने की व्यवस्था की जाए. हालांकि, इस पर विभाग ने रोक लगा दी और इस निर्णय को अमल में नहीं आने दिया.
आतिशी की तीखी प्रतिक्रिया
सामान्य प्रशासन की रोक के बाद मंत्री आतिशी (Atishi) ने उपराज्यपाल पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा, “15 अगस्त को हम देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए तिरंगा फहराते हैं. 1947 से पहले देश में अंग्रेजों का शासन था और वह अपनी मर्जी से यहां शासन चलाते थे. आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से रोका जा रहा है, तो लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं.”
लोकतंत्र बनाम तानाशाही की लड़ाई?
आतिशी (Atishi) ने आगे कहा, “LG साहब दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने से रोक रहे हैं. इससे बड़ी तानाशाही और क्या हो सकती है? अब हमें देखना है कि बीजेपी लोकतंत्र के साथ है या तानाशाही के साथ खड़ी है.” आतिशी के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और दिल्ली में एक नई बहस पैदा कर दी है. स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को लेकर दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है. जहां एक तरफ कैलाश गहलोत को झंडा फहराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं दूसरी तरफ आतिशी और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे तानाशाही करार दिया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है और यह विवाद कैसे सुलझाया जाता है.