Old Rajendra Nagar Coaching Center: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर (Coaching Centre) के बेसमेंट में पानी भरने से तीन अभ्यर्थियों की मौत के बाद छात्रों में भारी आक्रोश है। इस घटना के विरोध में सैकड़ों छात्र एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के आवास के बाहर भी प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा देखा गया। एबीवीपी (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने मेयर के पोस्टर पर कालिख पोत दी और विरोध जताया।
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पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मौके पर पुलिस बल पहुंचा और छात्रों पर लाठीचार्ज किया। इस घटना ने छात्रों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। छात्रों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ही यह हादसा हुआ है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी और उन्हें लागू करने की तत्काल आवश्यकता है। प्रशासन को इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि यह एक उदाहरण बने और भविष्य में कोई भी इस तरह की लापरवाही न कर सके।
मेयर शैली ओबेरॉय का बयान
ओल्ड राजेंद्र नगर की इस दुखद घटना पर दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “तीन बच्चों की मौत बेहद दुखद है। मैंने एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। दोषारोपण का खेल छोड़कर हमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इस साल की बारिश ने 88 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है और एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, और दिल्ली जल बोर्ड जलभराव की समस्या से निपटने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की प्रतिक्रिया
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक्स पर पोस्ट कर इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लिखा, “मैंने संभागीय आयुक्त से मंगलवार तक घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है। प्रशासन की उदासीनता और कोचिंग सेंटर संचालकों की आपराधिक लापरवाही के कारण तीन अनमोल युवा जीवन खो गए हैं। लेकिन हम दोषियों को सजा जरूर दिलाएंगे।”
कोचिंग सेंटर के मालिक की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने रविवार को राव आईएएस कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम हर्षवर्धन ने बताया, “हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 106 (1) (जल्दबाजी या लापरवाही में किए गए कार्य से मौत का कारण), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 290 (इमारतों के गिराने, मरम्मत करने या बनाने के संबंध में लापरवाही) और धारा 35 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।”
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और कोचिंग सेंटर संचालकों की लापरवाही को उजागर किया है। छात्रों की सुरक्षा के लिए बनाए गए मानकों की अनदेखी करना न केवल आपराधिक है, बल्कि हमारे भविष्य के निर्माणकर्ताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ भी है। छात्रों के जीवन के साथ किसी भी तरह का समझौता अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।