Delhi CM Oath Ceremony: आम आदमी पार्टी (AAP) ने आधिकारिक घोषणा की है कि आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। इस मौके पर उनके साथ अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है, जिससे नई सरकार का गठन संभव हो सका है।
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केजरीवाल ने दिया इस्तीफा
मंगलवार को, अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले आतिशी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना। राज निवास पर जाकर उन्होंने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा, जिसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। उपराज्यपाल ने इन प्रस्तावों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया है, जिसमें आतिशी के शपथ ग्रहण की तारीख भी शामिल है।
अन्य पांच कैबिनेट मंत्री भी लेंगे शपथ
दिल्ली में तकनीकी रूप से मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद पूरा मंत्रिमंडल भंग माना जाता है। इसलिए, आतिशी और उनके साथ अन्य मंत्रियों को एक साथ शपथ दिलाई जाएगी। नए मंत्रियों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल होंगे। इसके साथ ही, दिल्ली को एक नया कैबिनेट मंत्री भी मिलेगा।
महिला सम्मान योजना को मिल सकती है हरी झंडी
आतिशी के नेतृत्व में बन रही नई दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट में “दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना” को पास किया जा सकता है। इस योजना के तहत दिल्ली सरकार ने बजट में 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे 18 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक महिला को प्रति माह 1,000 रुपये देने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, नौकरीपेशा या आर्थिक लाभ अर्जित कर रही महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने की संभावना है, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की बिल माफी योजना सहित अन्य जनहित से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
दिल्ली मुख्यमंत्री पद पर इतिहास
आतिशी, जो अब दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी, इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री के तौर पर कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज रह चुकी हैं। इतिहास में 1998 में, प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण साहिब सिंह वर्मा ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद सुषमा स्वराज को केवल 52 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया था। आतिशी की योजना और नीतियों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कैसे जनता की उम्मीदों को पूरा करती हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आतिशी की नियुक्ति के साथ, दिल्ली में एक नई राजनीतिक दिशा देखने को मिल सकती है।