Delhi News: दिल्ली सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपने विधायकों के लिए एक बड़ा तोहफा देते हुए उनके विकास फंड को बढ़ाने का फैसला किया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री आतिशी (CM Atishi) और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि अब दिल्ली के विधायक अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए सालाना 15 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे। यह राशि पहले 10 करोड़ रुपये थी, जिसे अब बढ़ा दिया (MLAs’ fund increased) गया है।
देश में सबसे ज्यादा विधायक फंड दिल्ली में
इस निर्णय के साथ दिल्ली के विधायक देश में सबसे ज्यादा फंड पाने वाले विधायक बन गए हैं। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में मिलने वाला विधायक फंड देश के अन्य राज्यों की तुलना में तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में यह राशि बहुत कम है, जैसे उत्तर प्रदेश में सिर्फ 5 करोड़, गुजरात में 1.5 करोड़, और कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में 2 करोड़ रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं। दिल्ली सरकार का यह कदम जनता की बेहतरी के लिए है, ताकि विकास कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट न आए।
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बीजेपी ने उठाए सवाल, आप सरकार ने भी किया पलटवार
दिल्ली में विधायक फंड बढ़ाने के फैसले पर बीजेपी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली राजस्व घाटे में चल रही है, तब इस तरह से फंड बढ़ाना केवल चुनावी राजनीति है। बीजेपी का कहना है कि यह फैसला सिर्फ आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लिया गया है, ताकि विधायकों के पास अधिक फंड हो और वे जनता के बीच लोकप्रिय हो सकें।
इस पर पलटवार करते हुए सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने कहा कि बीजेपी खुद 22 राज्यों में सरकार चला रही है, लेकिन किसी भी राज्य में उन्होंने राजस्व घाटे की बात नहीं की। उन्होंने दिल्ली सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से आम आदमी पार्टी की सरकार ने मुनाफे में सरकार चलाई है, जो देश के किसी भी राज्य में नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बार दिल्ली में भारी बारिश के कारण सड़कों और सीवर की समस्याएं सामने आई थीं, जिसे हल करने के लिए विधायकों ने फंड बढ़ाने की मांग की थी।
विकास कार्य होंगे रुकावट-रहित
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि दिल्ली के विकास कार्य रुक न पाएं। चाहे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग हों या बड़े-बड़े बंगलों में, सरकार सभी के हितों के लिए काम कर रही है। यह फैसला उन विधायकों की मांग पर आधारित है, जिन्होंने अपने इलाकों में बढ़ते कामकाज और चुनौतियों को देखते हुए फंड की बढ़ोतरी की मांग की थी। आतिशी ने यह भी कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होने हैं और उनकी सरकार का मुख्य फोकस विकास और जनकल्याण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दिल्ली के विधायकों को सबसे ज्यादा फंड दिया जा रहा है, ताकि राजधानी के लोगों की समस्याओं को समय पर हल किया जा सके।
सीएम आवास सील मामले पर आतिशी का तीखा जवाब
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी से जब उनके सरकारी आवास को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर उनके बंगले को सील करके खुश हो रही है तो उन्हें मुबारक हो। आतिशी ने कहा कि वह सड़कों पर भी बैठकर सरकार चला लेंगी, लेकिन जनता के काम को प्रभावित नहीं होने देंगी। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि वह चुनाव में उन्हें हराने की कोशिश करती है, विधायक खरीदने की कोशिश भी कर चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिली।
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विधायक फंड बढ़ाने पर हो रही आलोचना पर सरकार का पक्ष
आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब बीजेपी और अन्य राज्यों में विधायक फंड कम है, तब दिल्ली में विधायकों को इतना अधिक फंड देना इस बात का प्रमाण है कि यहां की सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के विधायक अब अधिक प्रभावी ढंग से अपने क्षेत्रों के विकास कार्यों को अंजाम दे सकेंगे, क्योंकि अब उन्हें अधिक वित्तीय समर्थन मिलेगा।
दिल्ली सरकार के इस फैसले ने जहां एक तरफ विधायकों और जनता के बीच खुशहाली की लहर पैदा की है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के लिए आलोचना का एक नया मुद्दा भी बन गया है। अब देखना होगा कि इस फंड बढ़ोतरी का दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों पर कितना असर पड़ता है और क्या यह कदम आम आदमी पार्टी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाता है।