Delhi building collapsed: दिल्ली के उत्तर पश्चिमी इलाके रोहिणी के मदनपुर डबास में रविवार को एक निर्माणाधीन इमारत का छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और स्थानीय लोगों ने पुलिस और बचाव दल को घटना की सूचना दी।
मरने वाले मजदूरों की हुई पहचान
पुलिस ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की पहचान राम चंदर (30) और राज कुमार (30) के रूप में हुई है, जो दिल्ली के भाग्य विहार के निवासी थे। इन दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल, मंगोलपुरी भेजा गया है। वहीं, घायल मजदूरों में से एक की पहचान सोनू (32) के रूप में की गई है, जो मीर विहार का रहने वाला है। हालांकि, एक अन्य घायल व्यक्ति की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
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हादसे की सूचना और बचाव कार्य
पुलिस को शाम करीब 5:31 बजे इस हादसे की सूचना पीसीआर कॉल के जरिए मिली थी। सूचना मिलते ही कंझावला थाना पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस और बचाव दल ने मिलकर चार घायलों को घटनास्थल से बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीसीपी रोहिणी, कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि निर्माणाधीन इमारत की छत अचानक गिर गई, जिसके नीचे काम कर रहे मजदूर दब गए। पुलिस का कहना है कि इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है, और हादसे के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा रहा है।
दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई
दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) को शाम 5:40 बजे घटना की जानकारी मिली थी। डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि सूचना मिलते ही पांच दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया, और त्वरित कार्रवाई करते हुए चार लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है, और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
दिल्ली में लगातार हो रहे इमारत ढहने के हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब दिल्ली में इस तरह का हादसा हुआ हो। हाल ही में करोल बाग इलाके में भी एक इमारत का हिस्सा अचानक ढह गया था, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई थी। इसके अलावा, पिछले महीने मॉडल टाउन इलाके में भी भारी बारिश के दौरान एक जर्जर इमारत गिरने से तीन लोग घायल हो गए थे। दिल्ली में जारी भारी बारिश के बीच इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं, क्योंकि बारिश के कारण कई इमारतों की स्थिति कमजोर हो जाती है। सरकारी एजेंसियों द्वारा जर्जर इमारतों की जांच और समय पर मरम्मत की कमी भी ऐसे हादसों को बढ़ावा दे रही है।
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हादसे से उठते सवाल
इस हादसे के बाद निर्माणाधीन इमारतों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इमारत का निर्माण कार्य सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर किया जा रहा था, जिसके चलते यह घटना हुई। हादसे के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इमारत का निर्माण किस तरह से किया जा रहा था और क्या इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई थी। इस तरह के हादसों से बचने के लिए अब स्थानीय लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई और जर्जर इमारतों की जांच की मांग कर रहे हैं।
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