Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election) से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ा झटका लगा है. आज आप के पांच पार्षद भाजपा में शामिल हो गए है. इस मौके पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी उपस्थित थे. भाजपा में शामिल होने वाले पार्षदों में वार्ड 178 से सुगंधा बिधूड़ी, वार्ड 28 से राम चंद्र, वार्ड 30 से पवन सहरावत, वार्ड 180 से मंजू निर्मल और वार्ड 177 से ममता पवन शामिल हैं.
आप नेता मनीष सिसोदिया ने की आलोचना
आपको बता दे कि आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने भाजपा में शामिल हुए पार्षदों की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई एकीकृत पेंशन योजना की आलोचना की. सिसोदिया ने कहा कि यह नई पेंशन योजना से भी खराब है और यह देश के कर्मचारियों के साथ एक बड़ा धोखा है.
मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आरोप लगाया कि इस पेंशन योजना के तहत अर्ध-सैनिक बलों को योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि उनकी सेवा अवधि 25 साल की नहीं होती. उन्होंने कहा, “हर महीने 10 प्रतिशत पेंशन के नाम पर कटौती की जाएगी और पूरा पैसा सरकार अपने पास रख लेगी. अंतिम 12 महीनों का औसत निकालकर 6 महीने की तनख्वाह दे दी जाएगी.” सिसोदिया ने इसे NPS (नई पेंशन योजना) से भी बदतर बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश के कर्मचारियों के साथ एक बड़ा धोखा किया है.
राजनीति में उठापटक
आप (AAP) के पार्षदों का भाजपा में शामिल होना दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है. यह बदलाव आम आदमी पार्टी के लिए चुनावी रणनीतियों और पार्टी की स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है. भाजपा में शामिल हुए पार्षदों की उपस्थिति से दिल्ली की राजनीति में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
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नए पेंशन योजना पर विवाद
मनीष सिसोदिया द्वारा उठाए गए मुद्दे के साथ ही, एकीकृत पेंशन योजना पर भी विवाद बढ़ गया है. सिसोदिया के अनुसार, इस योजना की कुछ शर्तें और प्रावधान कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं हैं और यह उनकी मौजूदा समस्याओं का समाधान नहीं करती. उन्होंने इस योजना की तुलना NPS से करते हुए इसे अधिक समस्याजनक और असंगत बताया है.
इस प्रकार, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को यह राजनीतिक झटका महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, और इससे जुड़े विवाद और आलोचनाएं चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकती हैं.