Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को जंतर मंतर पर ‘जनता की अदालत’ लगाई। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए अपना पक्ष रखा और कहा कि वह भ्रष्टाचार के दाग के साथ नहीं जी सकते। अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और अब जनता ही उन्हें ईमानदार साबित करेगी।
अन्ना आंदोलन की दिलाई याद
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने संबोधन में 2011 के अन्ना आंदोलन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आज हमें 2011 का समय याद आ रहा है, जब भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 अप्रैल को अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। उस समय की अहंकारी सरकार ने हमारी बात नहीं मानी थी और हमें चुनौती दी थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ। हमने चुनाव लड़ा और साबित किया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा भी जा सकता है और उसे जीता भी जा सकता है। पहली बार में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई।”
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‘मैं नेता नहीं, मुझे फर्क पड़ता है’
अपने इस्तीफे के कारणों पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, “इन नेताओं को फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मेरी मोटी चमड़ी नहीं है। मैं नेता नहीं हूं, मुझे फर्क पड़ता है। जब मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहा जाता है, तो मुझे गहरा आघात पहुंचता है। मैंने अपने जीवन में सिर्फ इज्जत और ईमानदारी कमाई है। मेरे बैंक में कोई पैसा नहीं है और मेरे पास अपना घर भी नहीं है।”
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’10 साल बाद दिया इस्तीफा, अब नहीं है मेरे पास घर’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने 10 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए काम किया, लेकिन अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आगे कहा, “कुछ ही देर में मैं मुख्यमंत्री आवास भी छोड़ दूंगा। अब दिल्ली में रहने के लिए मेरे पास अपना कोई घर नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने अपने आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति का भी ऐलान किया और बताया कि वह सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जनता की अदालत लगाएंगे, जहां जनता से सवाल करेंगे कि उनकी सरकार ईमानदार है या नहीं?
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‘जनता तय करेगी कि मैं ईमानदार हूं या नहीं’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अब जनता की अदालत में जाएंगे और वहीं से खुद को ईमानदार साबित करेंगे। उन्होंने कहा, “जब तक जनता की अदालत में मुझे ईमानदार साबित नहीं किया जाएगा, तब तक मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठूंगा। मुझे सबसे कठिन कानून PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत फंसाया गया है, लेकिन मैं जनता की अदालत में खुद को निर्दोष साबित करूंगा।”
‘अगर मैं भ्रष्ट होता, तो क्या बिजली-पानी फ्री कर पाता?’
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपने द्वारा किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि, “अगर मैं बेईमान होता, तो क्या आप सबको मैं दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी दे पाता? मुफ्त बिजली देने के लिए 3000 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। अगर मैं भ्रष्ट होता, तो क्या दिल्ली में अच्छे स्कूल बनवा पाता? अगर मैं भ्रष्टाचारी होता, तो सारे पैसे खा जाता। भाजपा के किसी भी राज्य में बिजली मुफ्त नहीं है, तो अब आप ही बताइए कि चोर कौन है-केजरीवाल या वो लोग जो मुझे जेल भेजने की फ़िराक में लगे रहते हैं?”
आरएसएस प्रमुख से 5 सवाल पूछे
केजरीवाल ने इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से 5 सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ रहे हैं। क्या यह लोकतंत्र के लिए सही है? क्या यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक नहीं है?” केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या आप इस बात से सहमत हैं कि भाजपा भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है, जिन्हें कुछ दिन पहले ही उन्होंने खुद भ्रष्ट कहा था?”
‘भाजपा, आरएसएस की कोख से जन्मी पार्टी है’
केजरीवाल ने आरएसएस और भाजपा के संबंधों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “भाजपा, आरएसएस की कोख से जन्मी पार्टी है। कहा जाता है कि भाजपा का पथभ्रष्ट न होना आरएसएस की जिम्मेदारी है। लेकिन क्या आप आज की भाजपा के कदमों से सहमत हैं? क्या आपने पीएम मोदी को इस तरह की राजनीति न करने के लिए कहा है?”
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जेपी नड्डा के बयान पर किया वार
केजरीवाल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने कहा, “आरएसएस भाजपा की मां समान है। क्या अब भाजपा इतनी बड़ी हो गई है कि वह अपनी मां को आंखें दिखाने लगी है?” उन्होंने कहा कि यह भाजपा का अहंकार है जो अब आरएसएस को भी आंखें दिखाने लगा है।
’75 साल की उम्र पर आडवाणी-जोशी को रिटायर किया, मोदी पर क्यों नहीं लागू होगा नियम?’
केजरीवाल ने भाजपा (BJP) के उस नियम पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि 75 वर्ष की उम्र के बाद किसी भी नेता को रिटायर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “इस नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे बड़े नेताओं को रिटायर कर दिया गया, लेकिन अब अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इससे सहमत हैं?” अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि वह जनता की अदालत में जाएंगे और वहीं से अपनी ईमानदारी का प्रमाण लेंगे। उन्होंने कहा, “मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ जी नहीं सकता। अब जनता ही तय करेगी कि मैं ईमानदार हूं या नहीं।”