Uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dham) के डीप फेक वीडियो मामले के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.सीएम धामी (Pushkar Singh Dhami) का डीप फेक वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर डीप फेक सुर्खियों में आ गया है.बढ़ती टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की पहुंच के कारण इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं जो समाज के लिए बेहद खतरनाक साबित होती दिख रही हैं.काशीपुर में सीएम पुष्कर सिंह धामी के डीप फेक वीडियो बनाए जाने से सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई हैं इस मामले में आरोपित युवक पर कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष में तकरार शुरु हो गई है।
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CM धामी के डीपफेक वीडियो मामले में एक आरोपी अरेस्ट
काशीपुर में 2 दिन पहले एक अस्पताल के एमडी ने एक युवक के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के बारे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर सौंपी हैं.इस मामले में पुलिस ने युवक क खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी आयुष रावत को पूछताछ के लिए बुलाया था.सोशल मीडिया पर आरोपी युवक की ओर से खुद को पुलिस की ओर से धमकाने और मारपीट करने का आरोप लगाया जा रहा है इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरु हो गई है।
PM मोदी डीपफेक के गलत इस्तेमाल पर जता चुके अपनी चिंता
बीते साल 2023 में सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक को लेकर चिंता जताई थी उन्होंने कहा था कि,डीपफेक समाज में बड़ी अशांति पैदा कर सकता है.पीएम मोदी ने डीपफेक को सबसे बड़े खतरों में से एक बताया और समाज में इससे अराजकता पैदा करने वाला बताया.पीएम मोदी डीपफेक से सभी को सतर्क रहने की अपील की थी।
माना जा रहा है कि,अगर इसी तरह के वीडियो का इस्तेमाल भविष्य में बढ़ता गया तो इसके और खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं.बीते एक-दो सालों में अलग-अलग राज्यों में डीपफेक के दर्जनों मामले दर्ज किए गए हैं इससे अब संवैधानिक पदों पर आसीन राजनेताओं की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.उत्तराखंड में सीएम धामी (Pushkar Singh Dhami) का डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
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AI की मदद से डीपफेक का गलत इस्तेमाल हो रहा
साल 2023 में सरकार की ओर जारी एडवाइजरी में सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से ये आश्वस्त करने को कहा गया कि,उनके प्लेटफार्म पर आईटी कानून की परिधि में आने वाले कंटेंट का ही प्रसारण हो.ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) एआई की मदद से बनाए जाने वाले डीप फेक वीडियो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारण में तेजी आने के बाद सरकार ने कहा था कि,आईटी एक्ट के नियम 3(1) बी 5 के तहत किसी भी प्रकार की गलत या भ्रामक सूचना को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं डाला जा सकता है.
डीप फेक टेक्नोलाजी ऐसी टेक्नोलाजी है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) की मदद से किसी भी इंसान का नकली रूप तैयार किया जा सकता है.जो दिखने, बोलने, सुनने व हाव-भाव से लगभग असली इंसान जैसा ही लगता है लेकिन इसका प्रयोग छवि खराब करने, ब्लेकमैलिंग करने व पैसा वसूली के लिए किया जाने लगा है….भारत में भी इस टेक्नोलाजी की मदद से कई बड़े-बड़े लोगों को निशाना बनाया गया है।
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