प्रयागराज संवाददाता- आशीष भट्ट
देवों के देव महादेव के अति प्रिय सावन माह के पहले सोमवार पर संगम नगरी शिव के रंग में रंग गई। घरों से शिवालयों तक हर तरफ भगवान शिव के जयकारों की गूंज से गूंजती रही। शिव मंदिरों में भी इस मौके पर विशेष तैयारियां की गई थीं। वही शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सुबह से ही भीड़ भोले के मंदिरों में उमड़ पड़ी।
सावन के पहले सोमवार पर देशभर के मंदिर हर-हर महादेव के जयकारे से घूंज उठे। प्रयागराज यमुना तट स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ भोलेनाथ के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन यानी आज के दिन भोले बाबा को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है, और सावन माह भोले शंकर को अतिप्रिय होता है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है। प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर में शिव की भक्ति में लीन हुए लोग प्रयागराज के शिवालयों में आज शिव भक्तों का भारी हुजूम दिखाई दे रहा है।
महादेव मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता…
प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा। शिव भक्त भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र, धतूरा और दुग्ध अभिषेक किया। तो वही हर कोई भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन दिखाई दिया। वही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनकामेश्वर मंदिर का महत्व पुराणों में मिलता है। ऐसे में सावन मास में यहां पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है।यही वजह है, कि सावन के पहले सोमवार पर यानी आज बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां पर पहुंचे और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और आराधना की । साथ ही हर कोई आज के दिन भगवान शिव को प्रिय चीजें उन्हें अर्पित कर अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना की ।
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श्रीराम ने भोलेनाथ को जलाभिषेक किया…
यहां पर त्रेता में भगवान श्रीराम ने भोलेनाथ को जलाभिषेक किया था। ऐसे में इस मंदिर का महत्व अधिक हो जाता है। सावन मास में यहां पर लाखों की संख्या में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।इसी लिए शिवभक्त यहां पर बड़ी संख्या में दर्शन पूजन और अर्चना के लिए आते हैं।
सावन में सोमवार का होता है अधिक महत्वहिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीना पंचांग का पांचवा महीना होता है और यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। श्रावण मास में सोमवार का अधिक महत्व होता है और भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।