बिहार (सुपौल): संवाददाता – चंदन कुमार
Supaul: पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट के करोड़ों का बना भवन दो साल में हुआ जर्जर हो गया। छत के ऊपर से पानी टपक रहा है। सुपौल जिला मुख्यालय में अवस्थित करोड़ों की लागत से बनाए गए पारा मेडिकल इंस्टिट्यूट का भवन महज 2 साल में ही जर्जर होने लगा है। हल्की बारिश के बाद छत से पानी टपकने लगता है।
जिसके चलते भवन जीर्ण शीर्ण और जर्जर होने लगी है। आलम यह है कि हल्की बारिश होने के बाद भवन के अंदर दिन भर पानी टपकता रहता है। जिससे पारा मेडिकल के छात्र छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करोड़ो की लागत से बना संस्थान
दरअसल करीब दस करोड़ की लागत से पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए तीन बिल्डिंग बनाए गए। जिसमे एक भवन में छात्र का हॉस्टल और एक भवन में छात्राओं का हॉस्टल है जबकि तीसरा बिल्डिंग प्रशासनिक भवन है।
सबसे खराब स्थिति प्रशासनिक भवन का है। जिसमे पढ़ाई के अलावा लाइब्रेरी सहित तमाम व्यवस्थाएं हैं। इसी भवन में प्रिंसिपल का चेंबर भी है। कहा गया की जब- जब बरसात के समय बारिश होती है तो कई दिनों तक छत से पानी टपकते रहता है। और टपका हुआ पानी पूरे कमरे में फैल जाता है। भवन की दीवारें पानी के रिसाव से खराब हो गई है। भवन में रखे कीमती फर्नीचर बर्बाद हो रहे हैं।
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मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
सबसे बड़ी बात यह है कि भवन में पानी भरा होने के कारण पारा मेडिकल के छात्र छात्राओं का पठन पाठन बुरी तरह प्रभावित हो गई है। इन सबके बाबजूद भी प्रबंधन इस दिशा में विभाग या फिर प्रशासन के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
छात्र छात्राओं का आरोप है की इस बात को लेकर कई बार शिकायत की गई, मगर कहीं कोई पहल नहीं हो सकी। जिससे पारा मेडिकल के छात्र मायूस और अक्रोशित भी हैं। कहा कि इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गई तो बहुत जल्द यह भवन देख रेख के अभाव में बर्बाद हो जाएगी।