लखनऊ संवाददाता : MOHD KALEEM
लखनऊ। यूपी एटीएस ने विदेशी फंडिंग, मानव तस्करी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश का खुलासा किया है। एक बांग्लादेशी समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। सभी विदेश फंडिंग कराकर बांग्लादेशी लोगों को भारत मे घुसपैठ कराते थे। इसके बाद यहां पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। वेस्ट बंगाल के रहने वाले व्यक्ति सभी के भारतीय पते पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराते थे। हाल ही में यूपी एटीएस टीम को एक इनपुट मिला था। कुछ लोगों ने एक सिंडिकेट बनाया है। जो बांग्लादेशियों को भारत में घुसपैठ कराकर फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार कराकर भारत के अलग- अलग क्षेत्रों में आवासित करते थे। इन्हें विदेशी फंडिंग कर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लगाया गया था।
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निवासी मीरपुर बांग्लादेश को गिरफ्तार किया..
इनपुट के आधार पर यूपी एटीएस ने आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिल उर रहमान निवासी मीरपुर बांग्लादेश को गिरफ्तार किया। इसके पास से भारतीय आधार कार्ड, पासपोर्ट भी बरामद हुए। पूछताछ में आदिल ने बताया कि उसे भारतीय पते पर दस्तावेज शेख नजीबुल हक और अबु हुरायरा गाजी ने दिए थे जो वर्तमान में देवबंद में रह रहे हैं।
इसके बाद एटीएस की टीम ने शेख नजीबुल पुत्र अब्दुल कादिर निवासी पूर्व हल्दर पाडा भरतगढ़ बासंती दक्षिण 24 परगना वेस्ट बंगाल व अबु हुराय गाजी पुत्र अब्दुल्ला गाजी निवासी कालूतला रामेश्वपुर हसनाबाद उत्तर 24 परगना वेस्ट बंगाल को देवबंद से हिरासत में लिया। सभी से सख्ती से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
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भारतीय पते पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराते थे..
पूछताछ में शेख नजीबुल व अबु हुरायरा गाजी ने बताया कि वह काफी समय से सिंडिकेट से जुड़े हैं। जो बांग्लादेशी लोगों को भारत में घुसपैठ कराकर उनके भारतीय पते पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराते थे। साथ ही आर्थिक मदद कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लगाया जाता है। आदिल को भी उन्होंने ही घुसपैठ कराकर दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इसके साथ ही गिरोह बांग्लादेशी बॉर्डर पर मानव तस्करी में भी संलिप्त हैं।
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20 करोड़ रुपये की फंडिंग कराई थी..
अभियुक्तों ने बताया कि वह अवैध घुसपैठियों को सीमा पार कराने और फर्जी दस्तावेज तैयार कराने व शरण देने का इंतजाम करने के लिए विदेशी फंडिंग कराई जा रही थी। एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) एकाउंट्स में विदेशी फंड मंगवाया जाता था। 20 करोड़ रुपये की फंडिंग कराई थी। इसमें से 1.50 करोड़ रुपये खर्च भी कर दिए गए थे।कुछ समय पहले देवबंद एटीएस ने सहारनपुर से संदिग्ध बांग्लादेशी मोहम्मद हबीबुल्ला मस्बाह उर्फ नजीब को गिरफ्तार किया गया था। इसके पास से भी भारतीय पते पर बने दस्तावेज मिले थे। जिसमें पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि थे। यह दस्तावेज भी अबु हुरायरा ने ही उपलब्ध कराए थे।