Rampur: उत्तर प्रदेश के रामपुर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फात्मा बेटे अब्दुल्ला आजम के ऊपर फर्जी तरीके से दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले आरोपी थे। जिसका रामपुर की कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा था। जिसकी सुनवाई आज रायपुर की एमपी- एमएलए कोर्ट में सुनवाई थी। दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने अब्दुला आजम, आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को दोषी करार दे दिया है। तीनों को 7-7 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
इससे पहले कोर्ट ने 16 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए बचाव पक्ष को समय दिया था, लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से और मोहलत की डिमांड की गई थी, लेकिन कोर्ट ने यह अपील ख़ारिज कर दी। कोर्ट ने इस मामले में फैसले के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की थी। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को देखते हुए रामपुर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। इस मामले में आजम खान, पत्नी और बेटे के साथ जेल में भी रह चुके हैं। मंगलवार को अब्दुल्ला आजम की ट्रांसफर अर्जी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। अब एमपी एमएलए कोर्ट ने तीनों को 7-7 जेल की सजा सुना दी है।
कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने तीनों को लिया हिरासत में
रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने दो जन्म प्रमाण पत्र रखने के मामले में आजम खान, पत्नी और बेटे को दोषी करार दे दिया। तीनों को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया है। बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था। इसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी आरोपी हैं। इस बीच, संभावित फैसले को देखते हुए रामपुर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी मामले में आजम खान करीब ढाई साल जेल में बंद थे। पत्नी और बेटे भी जेल गए थे।
-आजम खान को बड़ा झटका
-कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
-फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में बुरे फंसे आजम
-आजम की पत्नी तंजीम, अब्दुल्ला को भी 7 साल की सजा
-तीनों कोर्ट से सीधे जेल जाएंगे#AzamKhan @AbdullahAzamMLA #BreakingNews #UttarPradesh #SamajwadiParty pic.twitter.com/PaFR5n6H1I
— Prime Tv (@primetvindia) October 18, 2023
दो जगह के बने थे प्रमाणपत्र
सपा विधायक आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर एक जन्म प्रमाणपत्र रामपुर नगर पालिका और दूसरा लखनऊ नगर निगम से बनवाने का आरोप लगा है। उन पर आरोप है कि दोनों जन्म प्रमाणपत्र का सुविधानुसार इस्तेमाल किया गया। विधायक आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने बताया कि मंगलवार को अब्दुल्ला आजम की ट्रांसफर अपील सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी थी।
बता दें कि अब्दुल्ला आजम की ओर से जिला कोर्ट में 16 अक्टूबर को रिवीजन दाखिल किया था। जिसके बाद इसकी सुनवाई रामपुर के एमपी- एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। जिसकी सुनवाई आज इस कोर्ट में सुनवाई थी। कोर्ट ने दोनो पक्षों की दलील की सुनवाई के बाद न्यायाधीश विनोद बर्नवाल ने आरोपी आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला की रिवीजन खारिज कर दिया। और इस मामले में 7-7 साल की सजा सुनाई है।