Center Issues Notice to 20 Coaching Institutes: केंद्र सरकार ने 20 कोचिंग संस्थानों को भेजा नोटिस। बड़े बड़े दावे करने वाले कोचिंग संस्थानों को लेकर सख्त हो गई हैं। बता दे कि जो भी कोचिंग संस्थान बच्चों को भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी (IAS) बनाने जैसे दावे करते हैं, उनके लिए केंद्र ने नोटिस भेजा हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कई कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया हैं, जिनमें राव आईएएस, स्टडी सर्किल, इकरा आईएएस, चहल अकादमी और आईएएस बाबा के नाम शामिल हैं। इन सभी पर पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया हैं।
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सीसीपीए की अध्यक्ष निधि खरे ने बताया
आपको बता दे कि सोमवार को सीसीपीए की अध्यक्ष निधि खरे जानाकारी देते हुए बताया कि कोचिंग संस्था उम्मीदवारों को प्रभावित करने के लिए टॉपर और सफल उम्मीदवारों के नाम तथा तस्वीरों का उपयोग करने के भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित कारोबारी प्रथाओं के लिए 20 आईएएस कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जांच चल रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यूपीएससी 2022 के अंतिम परिणाम में 933 उम्मीदवारों का चयन हुआ, लेकिन 20 कोचिंग संस्थानों ने 3,500 से अधिक पूर्व छात्रों का दावा किया है। जिसके बाद खरे ने कहा, ये नोटिस पिछले डेढ़ साल में सफल छात्रों के बारे में जानबूझकर अहम जानकारी छिपाने के लिए जारी किए गए हैं। हमने चार केंद्रों पर जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य मामलों की जांच चल रही है। नीट, जेईई परीक्षाओं की तैयारियां करा रहे संस्थानों पर भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती है।
जानें किन कोचिंग संस्थानों को जारी हुआ नोटिस
बता दे कि जिन कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया गया हैं उनमें वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजूस आईएएस, अनअकैडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, इकरा आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राव आईएएस स्टडी सर्किल।
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जानें किस तरह कोचिंग संस्थानों में होता हैं खेल
निधि खरे के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यूपीएससी परीक्षा में प्रत्येक वर्ष लगभग दस लाख छात्र शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा के लिए इनमें से लगभग दस हजार को चुना जाता है। इसके बाद करीब तीन हजार अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए चुने जाते हैं। कई संस्थान इन्हीं अभ्यर्थियों को मुफ्त में मॉक इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करते हैं। चूंकि इंटरव्यू में शामिल एक तिहाई अभ्यर्थियों का अंतिम तौर पर चयन हो जाता है, जिन्हें कोचिंग संस्थान अपना बताकर बड़े-बड़े विज्ञापन जारी करते हैं। इससे अगली परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी झांसे में आ जाते हैं।
एक ही अभ्यर्थी पर पांच संस्थानों ने विज्ञापनों में किया दावा
आपको बता दे कि निधि खरे के मुताबिक जांच में पता चला कि एक ही सफल अभ्यर्थी पर पांच-पांच संस्थानों ने अपने विज्ञापनों में दावा किया। किसी ने यह नहीं बताया कि उक्त अभ्यर्थी उनके संस्थान में सिर्फ माक इंटरव्यू में शामिल हुआ था। अब ऐसे संस्थानों को बताना पड़ेगा कि उन्होंने सफल अभ्यर्थियों से कितने पैसे लेकर क्या-क्या प्रशिक्षण दिया। अगर सिर्फ मॉक इंटरव्यू में शामिल किया है तो विज्ञापन में यह भी स्पष्ट करना होगा।