उत्तर प्रदेश में सपा नेता आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। यूपी कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया गया है, कि जौहर ट्रस्ट की जमीन योगी सरकार वापस लेगी।
Lucknow: बेटे अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सीतापुर जेल में बंद आजम खान को एक और झटका लग सकता है। मंगलवार को CM योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जौहर ट्रस्ट से जमीन वापस लेने का फैसला लिया गया है। आरोप है कि जमीन नियमों का उल्लंघन कर ली गई थी। बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है।
प्रभाव दिखाकर हथिया ली थी जमीन…
आरोप है कि आजम खान ने सपा सरकार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा विभाग से राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन और जमीन को लीज पर लिया था। वहीं तोपखाना रोड पर अपना कार्यालय दारूल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल की स्थापना कराई थी। दरअसल, जिस बिल्डिंग में दारुल आवाम है, उसमें जिला विद्यालय निरीक्षक का ऑफिस था, वहीं रामपुर पब्लिक स्कूल के भवन में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी का कार्यालय था।
सपा सरकार ने मात्र 100 रुपए वार्षिक रेंट पर दे दी थी जमीन…
2007 में सपा के शासनकाल में रामपुर के मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्थापित जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर के कार्यालय को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को 30 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर दे दिया था। इसके लिए 100 रुपए वार्षिक प्रीमियम की दर से पट्टे पर दिए जाने के लिए प्रस्ताव के स्थान पर गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के प्राविधानानुसार मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए 100 रुपए वार्षिक रेंट की दर से पट्टे पर दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
अखिलेश बोले- यह गलत फैसला है…
वहीं, इस मसले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है। उन्होंने कहा, सरकार का यह गलत फैसला है। कार्रवाई सिर्फ इसलिए की जा रही है क्योंकि वो मुस्लिम हैं।
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छापेमारी 34घंटे तक चली…
रामपुर के ठेकेदारों के यहां इनकम टैक्स की छापेमारी करीब 34 घंटे तक चली। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे तीन मुख्य कारण हैं। जिस पर आयकर अधिकारियों से सवाल जवाब किये गये। दरअसल, सपा सरकार के दौरान जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के दौरान जौहर ट्रस्ट को दान दिया गया था। कई बड़े ठेकेदारों ने ट्रस्ट को भारी दान दिया था। ऐसे कई ठेकेदार हैं जिन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी में सिविल निर्माण कार्य किया। कुछ ऐसे भी ठेकेदार हैं, जिन्होंने सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक सड़क निर्माण का ठेका कहीं और लिया, लेकिन असल में सड़क निर्माण का काम जौहर यूनिवर्सिटी में किया गया। इसलिए ठेकेदार इनकम टैक्स के रडार पर आ गए हैं और छापेमारी की गई है।
आकाश सक्सेना ने की थी शिकायत…
उधर रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी कि जिस बिल्डिंग को जौहर यूनिवर्सिटी का कार्यालय संचालित करने के लिए लीज पर आजम खान ने लिया था, उसमें आजम खान ने नियम शर्तो का उल्लंघन करते हुए उसमे अपना समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना रखा है और एक हिस्से में उन्होंने अपना रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित कर लिया है जो लीज की शर्तों का खुला उल्लंघन है।
इस मामले को लेकर रामपुर के मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से तत्कालिन डीएम के यहां शिकायत की गई थी। इस शिकायत के आधार पर तत्कालिन डीएम ने एक जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जांच में आरोपों को सही पाया था।