Digital – shivi sharma
Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर राखियों से नवाचार का अंकुर फूट रहा है। परंपरागत रूप से रेशमी और सूती धागों से बनी राखियों से इधर अब गाय के गोबर में बीज मिलाकर रक्षासूत्र बनाए जा रहे हैं। वही देश में चीनी सामान के बहिष्कार के बीच मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में इस बार रक्षाबंधन पर खास किस्म की राखियां नजर आएंगी। यह राखियां गोबर से बनी होंगी।
क्षाबंधन का त्योहार करीब है। बाजार में तरह-तरह की राखियां आ गई हैं। ऐसे में परंपरागत रूप से रेशमी और सूती धागों से बनी राखियों से इधर अब गाय के गोबर में बीज मिलाकर रक्षासूत्र बनाए जा रहे हैं। क्योकि गाय के गोबर को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है, और उसकी पूजा की जाती है। गाय को माता का दर्जा दिया गया है, लेकिन सिर्फ गाय ही नहीं, बल्कि गाय से जुड़ी पांच चीजों का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है।
एक किलो गोबर से बनती है सौ राखियां…
गोबर में गमींग एजेंट (गौंद), जटामासी, अश्वगंधा, चिरायता, चिया सीड, किनोवा सीड मिलाए जाते हैं। राखी को सुंदर बनाने के लिए मोती, रंग, नगीने, मोली, स्टार्स आदि काम में लिए जाते हैं। एक किलो गोबर से कुल सौ राखियां बनती हैं।
ये राखियां पर्यावरण के लिए लाभकारी…
ईको फ्रेंडली इन राखियों का इस्तेमाल कर प्राकृतिक को हराभरा रखने में सहयोग दे सकते हैं। ये राखियां एक तरफ स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगी तो दूसरी तरफ ये पर्यावरण के लिए भी काफी लाभकारी हैं। महिलाओं का उद्देश्य है कि रक्षाबंधन के पहले हर बहनों के पास यह राखी पहुंच जाए और बहनें अपने भाइयों को प्राकृतिक राखी बांधे। समूह द्वारा हजारों की संख्या में राखी बनाकर उसे पैक कर फिर बाजारों तक पहुंचाया जाता है। इस व्यवसाय से महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ घर बैठे रोजगार मिला है।
ऐसे तैयार होती हैं राखियां…
- तीन दिन में सूखता है गोबर।
- लोहे के खलबत्ते में गोबर को पीसा गया।
- एक किलो पाउडर में दो एमएल सेट्रोनिला ऑइल, 10 ग्राम नीम, 10 ग्राम मदार यानी रूही, 10 ग्राम तुलसी, 10 ग्राम गवारगम के बीज का मिश्रण मिलाया जाता है।
- एक किलो गोबर पाउडर में 200 राखियां बनती हैं।
- कलाई में राखी बंधी होने से मच्छर पास नहीं आएंगे।
- बाजार में पांच से 15 रपये तक बिकेंगी राखियां।
- नागपुर से सीखा डिजाइनर राखी बनाने का तरीका।
क्या है पंचगव्य…
गाय से जुड़ी पांच चीजों दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर के सम्मिश्रण को पंचगव्य कहा जाता है. गाय से जुड़े इन पांच चीजों का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है।
इस बार विदेश से मिला गोबर की राखियों को ऑर्डर…
सुंदर कलात्मक तरीके से बनाए गईं ये राखियां मन तो लुभाती हैं. पांच साल से गोबर से राखियां बना रहीं भावना बेन और उनकी साथी महिला हिना बेन कहती हैं कि पहले 200 से 500 राखियां बनाते थे, लेकिन कोरोना के बाद गोबर की राखियों की मांग काफी बढ़ी है। इस साल देश-विदेश से खास ऑर्डर मिला है। हमने इस बार 17 हजार से 20 हजार तक राखियां बनाई हैं।