लखनऊ संवाददाता- विभांशु मणि त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश: यूपी कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय में नवनिर्मित डीसीबी कैडर कार्यालय डाटा सेंटर और सभागार कक्ष एप्लीकेशन अटेंडेस ट्रैकिंग सिस्टम का शुभारंभ सहकारिता राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक 1944 से लगातार लाभ अर्जित कर रहा है, विगत 5 वर्षों में बैंक का कुल व्यवसाय 12000 करोड से बढ़कर 22000 करोड हो गया बैंक लगातार 5 वर्षों में अपना एनपीए कम करने में सफल रहा।
2 वर्षों में बैंक में संरचनात्मक सुधार हुए जिसके अंतर्गत पुरानी शाखाओं का नवीनीकरण और 13 नई आधुनिक रूप से स्थापित की गई उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक को IS 15700 लाइसेंस 2018 में प्रदान किए गए कॉपरेटिव बैंक भारत का पहला ऐसा बैंक है, जिसको सर्वोत्तम प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ वही उत्तर प्रदेश की बात करें तो दूसरी ऐसी संस्था है जिसको सर्वोत्तम प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।
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सिटीजन चार्टर नागरिक शिकायत समाधान की सेवा प्रदान
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सर्वोत्तम मॉडल असेसमेंट इंप्रूवमेंट मॉडल है जिसके अंतर्गत सिटीजन चार्टर नागरिक शिकायत समाधान की सेवा प्रदान की क्षमता बढ़ाई गई है वहीं दूसरी तरफ सरकार की विभिन्न योजनाओं को पैक्स स्तर पर सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं और उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां पैक्स कंप्यूटराइजेशन प्रक्रिया को आरंभ किया जा चुका है।
वही अपने संबोधन में सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा की एडिशनल प्रबंधक जिला सहकारी बैंक में बनाए जाएंगे जो जिले स्तर पर निगरानी रखेंगे साथ ही इसी उद्देश्य डेटा सेंटर का उद्घाटन किया गया है, वहीं सहकारी बैंकों के डेटाबेस अभी तक सुव्यवस्थित नहीं था कितनी सहकारी समितियां है हमारे पास और उनका क्या इंफ्रास्ट्रक्चर है।
उत्तर प्रदेश में सहकारिता समितियां है उन में कितने लोग काम करते हैं और सभी सहकारी समितियों का डेटाबेस यह रहेगा आप लोग को बताते हो मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की 40 शाखाएं पूरे प्रदेश में सुचारू ढंग से चल रही हैं और पूर्व में बार 27 सहकारी शखाएं थी जिसमें से 7 घंटे में थी और 20 फायदे में रहती थे मगर अब इस वर्ष 40 की 40 शाखा है, और सभी सुचारू ढंग से चल रही हैं। उत्तर प्रदेश में लाभ में है।
आपको बता दे कि जिला में सहकारिता बैंक 16 है जिसमें हरदोई, सीतापुर, सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, वाराणसी जिनका लंबे अरसे से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निरस्तीकरण का प्रक्रिया शुरू कर दी थी इनके लाइसेंस को बहाली करा कर साथ ही इनको सुव्यवस्थित करने का काम हम लोग के द्वारा किया गया था और सहकारिता के द्वारा जो भी धनराशि की जरूरत थी उन शाखाओं को मजबूत किया गया और पूरे प्रदेश को सहकारी सहकारी समिति के शाखाओं को गांव-गांव से जुड़ने में प्रयासरत हैं।