NEET Paper Leak: नीट परीक्षा को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। धीरे-धीरे सभी पहलु खुल कर सामने आ रहे है। विपक्षी दल इसमें लगातार धांधली का आरोप लगा रहे हैं। अब राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच होनी चाहिए।
कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार को सभी राज्यों से चर्चा करनी चाहिए कि भविष्य में ये परीक्षा कैसे आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी परीक्षा में टेस्टिंग सिस्टम भ्रष्ट हो जाता है तो प्रधानमंत्री के लिए चुप रहना वास्तव में अच्छा नहीं है।
संसद में मुद्दा उठाने की अपील
सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में जोर-शोर से उठाएं। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस पर चर्चा होने की ज्यादा उम्मीद नहीं है क्योंकि सरकार मामला अदालत में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए इसकी अनुमति देगी ही नहीं। कपिल सिब्बल ने कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) में वास्तव में गड़बड़ी है और मीडिया प्लेटफार्मों पर भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है, जैसे कि डॉक्टर बनने के लिए प्रश्न पत्रों का पहले से उत्तर उपलब्ध कराना।
सिब्बल ने कहा, “गुजरात में हुई कुछ घटनाओं ने मुझे हैरान कर दिया है और यह बड़ी राष्ट्रीय चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि एनटीए को इनमें से कुछ गंभीर सवालों का जवाब देना चाहिए।”
सिब्बल ने कहा कि सबसे आश्चर्यजनक और निराशाजनक बात यह है कि जब भी ऐसा कुछ होता है और वर्तमान सरकार के अंतर्गत भ्रष्टाचार सामने आता है, तो ‘अंध भक्त’ इसके लिए यूपीए (UPA) को दोषी ठहराना शुरू कर देते हैं।
Read more: UP बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर गिरेगी गाज, सीएम योगी ने दिए ये निर्देश
कौन है कपिल सिब्बल?
कपिल सिब्बल एक भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ और सरकारी अधिकारी हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक वरिष्ठ नेता हैं। सिब्बल संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं । उस प्रतिष्ठा के आधार पर, उन्हें 1998 में बिहार राज्य से कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा में मनोनीत किया गया।
2000-02 में उन्होंने कांग्रेस की संसदीय सदस्यता के सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों में एक सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और दिल्ली के एक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की । 2009 में वे उस निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए। उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार (2004-14) में कैबिनेट मंत्री के रूप में उनकी सेवा के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।