Madhabi Buch News: सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस ने एक बार फिर से हमला बोला है। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जब माधबी बुच की एक कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप को कंसल्टेंसी सर्विसेज दे रही थी, उस वक्त उनके पति को इस कंपनी से 4.78 करोड़ रुपये की आय हुई। यह भी दावा किया गया है कि उस दौरान बुच महिंद्रा ग्रुप से जुड़े मामलों में निर्णय ले रही थीं। कांग्रेस (Congress) ने इसे हितों के टकराव का गंभीर मामला बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर सवाल उठाए हैं।
“सेबी की संस्थागत अखंडता को किया गया कलंकित”: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सेबी जैसी महत्वपूर्ण संस्थान की विश्वसनीयता को प्रधानमंत्री ने अपने ‘दोस्तों’ को बचाने के लिए दांव पर लगा दिया है। खड़गे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “सेबी की चेयरपर्सन के पास हितों के टकराव के कई मामले सामने आ चुके हैं। मोदी-अडानी घोटाले की जांच भी सेबी कर रही है, जो एक विवादास्पद स्थिति है।”
“क्या यह ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ है?”: कांग्रेस का सवाल
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले में 10 करोड़ से अधिक शेयर बाजार निवेशकों की गाढ़ी कमाई जोखिम में है। खड़गे ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री से पूछा, “क्या यह ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ की नीति है, या फिर इस महाघोटाले की पूरी कहानी कुछ और है?”
उन्होंने आगे कहा, “मोदी-शाह की अध्यक्षता वाली समिति ने बुच को सेबी के शीर्ष पद पर क्यों नियुक्त किया? क्या उन्हें उनके संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के बारे में जानकारी थी, या उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया ताकि अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाया जा सके?”
महिंद्रा ग्रुप का पलटवार: “आरोप झूठे और भ्रामक”
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप ने इन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया। ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने कभी भी सेबी से किसी प्रकार का विशेष या तरजीही व्यवहार प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया। प्रवक्ता ने कहा, “महिंद्रा ग्रुप हमेशा से कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्चतम मानकों का पालन करता है। हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे और भ्रामक हैं।”
कांग्रेस के नए सवाल: “क्या प्रधानमंत्री को यह सब जानकारी थी?”
कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने इस मुद्दे को और गहराई से उठाते हुए कुछ नए सवाल खड़े किए। रमेश ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को यह जानकारी थी कि माधबी बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में 99% हिस्सेदारी है? क्या उन्हें पता था कि वह महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित कई सूचीबद्ध कंपनियों से बड़ा परामर्श शुल्क प्राप्त कर रही थीं? जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा, “यह पूरी स्थिति इस ओर इशारा करती है कि सेबी अध्यक्ष के निर्णयों में व्यक्तिगत लाभ के तत्व हैं। क्या प्रधानमंत्री को यह जानकारी थी कि माधबी बुच के पति को भी महिंद्रा ग्रुप से 4.78 करोड़ रुपये की आय हो रही है?”
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“हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से कांग्रेस के निशाने पर सेबी प्रमुख”
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने सेबी प्रमुख को निशाने पर लिया हो। इससे पहले, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद भी कांग्रेस ने बुच पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया था कि सेबी प्रमुख की कंपनी अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के 99% शेयर बुच के पास हैं, और इसके माध्यम से उन्होंने महिंद्रा ग्रुप से बड़ा परामर्श शुल्क लिया। जहां एक ओर महिंद्रा ग्रुप ने आरोपों को झूठा बताया है, वहीं कांग्रेस इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए लगातार सवाल उठा रही है। सेबी जैसी महत्वपूर्ण संस्था की विश्वसनीयता और इसकी प्रमुख के ऊपर लगे आरोप भारतीय राजनीति में एक नया विवाद पैदा कर सकते हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं, और सेबी प्रमुख या सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने आता है या नहीं।