Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील का असर इस बार यूपी में बकरीद के मौके पर देखने को मिला. इस वर्ष ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के मौके पर उत्तर प्रदेश ने देशभर में एक मिसाल पेश की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद की नमाज़ नहीं अदा की गई. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम की अपील का समर्थन किया, जिसके परिणामस्वरूप, ईद की नमाज़ केवल ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थानों पर ही हुई. कुछ स्थानों पर, जहां मस्जिद और ईदगाह में जगह कम थी, वहां अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज़ अदा की.
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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बताते चले कि बकरीद के मौके पर प्रदेशभर में सुरक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किए गये थे. संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए निगरानी की गई और भारी पुलिस बल ने एक दिन पहले ही फ्लैगमार्च निकालकर लोगों में सुरक्षा का भरोसा जगाया था. ईद-उल-फ़ित्र के समय भी ऐसी ही अभूतपूर्व स्थिति देखी गई थी, जब मुख्यमंत्री की अपील पर लोगों ने मस्जिदों में ही नमाज़ अदा की थी.
CM योगी के निर्देश और प्रशासनिक तैयारी
दरअसल, सीएम योगी ने पहले ही प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों और वरिष्ठ अफसरों को निर्देशित कर दिया था. उन्होंने कहा था कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाकर रखें, ताकि जनता के बीच सकारात्मक संदेश जाए. इसके अलावा बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही कर लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न हो. कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना भी होनी चाहिए.
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शांतिपूर्ण नमाज़ और सुरक्षा व्यवस्था
सीएम योगी के निर्देश और प्रयासों का प्रदेश में सकारात्मक असर दिखा और कहीं भी सड़क पर नमाज़ नहीं हुई. इस वर्ष प्रदेश में 30 हजार से अधिक स्थानों पर नमाज अदा की गई, जिसमें लगभग तीन हजार स्थानों पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये थे. पहले प्रदेश में हर शहर में लाखों लोग सड़कों और अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ते थे, जिससे यातायात की समस्या उत्पन्न होती थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान का प्रतिफल यह है कि प्रदेश के हर जिले में शांतिपूर्ण ढंग से मस्जिदों/ईदगाहों में ही नमाज़ पढ़ी गई, जिससे देशभर में एक नया संदेश गया.
उत्तर प्रदेश में सामाजिक सौहार्द की नई परंपरा
सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशें रंग लाने लगी हैं. शांति और सौहार्द के साथ धार्मिक आयोजन होना यूपी में एक परंपरा बनती जा रही है. पिछले सात वर्षों से प्रदेश में एक भी दंगा न होना और सभी बड़े पर्व और आयोजन सकुशल संपन्न होना इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब कर्फ्यू मुक्त प्रदेश के रूप में उभर रहा है.
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अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल
उत्तर प्रदेश ने कानून व्यवस्था के मामले में अन्य राज्यों के सामने नजीर पेश की है. रामनवमी पर भी, जबकि देश के कई राज्यों में हिंसा और उत्पात की घटनाएं हुईं थीं, उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक शोभायात्राएं निकलीं और विवाद की एक भी घटना नहीं हुई. यह प्रदेश की कानून व्यवस्था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सफलता को दर्शाता है.