Hathras Stampede Case SIT Report: हाथरस में बाबा के सत्संग में लाखों की तादाद में लोगों की भीड़ जुटी लेकिन प्रशासन की ओर से पहले से इसकी कोई तैयारी नहीं की गई जिसका नतीजा ये हुआ कि,सत्संग में मची भगदड़ में 112 से ज्यादा बेगुनाह लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।वहीं सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था।
हादसे के एक हफ्ते के भीतर एसआईटी की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहीं मंगलवार को यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की गई। जिस रिपोर्ट में भोले बाबा के नाम का जिक्र तक नहीं किया है। आयोजकों और अफसरों को जिम्मेदार माना गया है। जिसके बाद योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सिकंदरामऊ के एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 लोगों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें चौकी इंचार्ज कचौरा और चौकी इंचार्ज पोरा भी शामिल हैं।
Read more :Nepal से आया पानी Bihar के नदियों को कर रहा बेकाबू ,कई इलाके में बाढ़ जैसे हालात…
6 लोगों को सस्पेंड..
आपको बता दें कि इस एसआईटी रिपोर्ट में कहा गया है कि-‘ आयोजक मुख्य जिम्मेदार हैं। स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई हे। दो सदस्यीय जांच समिति ने कहा कि हादसे के पीछे साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। गहन जांच की जरूरत है। आयोजकों की लापरवाही से हाथरस दुर्घटना हुई है। भीड़ को आमंत्रण देकर पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किया गया। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को समुचित जानकारी नहीं दी।”
Read more :पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, 5 की मौत, एक दर्जन यात्री घायल..
जानें क्या है SIT रिपोर्ट में…
- हाथरस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक मुख्य जिम्मेदार, स्थानीय प्रशासन की भी तय की गई जवाबदेही
- दो सदस्यीय जांच समिति ने सौंपी जांच रिपोर्ट, कहा, साजिश से इंकार नहीं, गहन जांच की जरूरत
- आयोजकों की लापरवाही से हई हाथरस हादसा, भीड को आमंत्रण देकर नहीं किया पर्याप्त इंतजाम
- स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया, वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी समुचित जानकारी
- जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित 06 निलंबित
- हाथरस हादसा की गहन जांच के लिए न्यायिक आयोग भी शुरू कर चुका है कार्यवाही
- आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोडा, उनसे फैली अव्यवस्था
- उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
- आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों दद्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। गई। न ही क कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
- आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।
- आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने काप्रयास किया गया।
- सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की वैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।
Read more :मानसून की बारिश से पुणे और मुंबई में तबाही,रेड अलर्ट जारी,स्कूल-कॉलेज बंद..
SIT की जांच में मुख्य दोषी कौन?
- एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
- जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
- जाच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज दद्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
- उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
- एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
- जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
- जाच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज दद्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
- उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।