Monsoon session 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जारी है, और इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर हमला बोला। अयोध्या में 12 साल की बच्ची के साथ हुए रेप मामले में सपा नेता मोइद खान (Moeed Khan) का नाम सामने आने के बाद सीएम योगी ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने विधानसभा में सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह घटना हल्के में छोड़ने वाली नहीं है।
सपा पर कड़ा हमला
सीएम योगी ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान सपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि रेप कांड में शामिल व्यक्ति फैजाबाद के सांसद के साथ रहता है और उनकी टीम का सदस्य है। इसके बावजूद सपा ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। योगी ने पूछा, “आखिर क्या मजबूरी थी?” उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार की घटिया हरकत में शामिल व्यक्ति को सपा ने हल्के में लिया, जो निंदनीय है।
सीएम योगी बोले- ‘नौकरी के लिए नहीं आया’
अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा, “मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं। अगर मुझे प्रतिष्ठा चाहिए होती तो अपने मठ में मिल जाती। मैं यहां इस बात के लिए आया हूं कि अगर कोई प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करेगा, तो उसे भुगतना पड़ेगा।” योगी ने यह भी कहा कि यह लड़ाई सामान्य लड़ाई नहीं है, बल्कि यह प्रतिष्ठा की लड़ाई भी नहीं है।
सपा नेता पर गंभीर आरोप
सीएम योगी ने कहा, “अयोध्या में एक 12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। समाजवादी पार्टी का नेता मोईन खान इस कृत्य में शामिल पाया गया है। वह अयोध्या के सांसद के साथ रहता है, उठता-बैठता है और उनकी टीम का सदस्य है। पार्टी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।” योगी ने कहा कि ऐसी घटिया हरकत में शामिल व्यक्ति को हल्के में लेना गलत है और सपा को इस पर जवाब देना चाहिए। सीएम योगी ने कहा, “मेरा दायित्व बनता है कि जो प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करते हैं, जो प्रदेश के अंदर अराजकता पैदा करके सामान्य लोगों का जीना हराम करते हैं, उन्हें सजा दिलाना मेरा कर्तव्य है। मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं, मैं यहां इसलिए आया हूं कि अगर वे करेंगे तो भुगतेंगे।”
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बेहद दु:खद और निंदनीय घटना
यह घटना बेहद दु:खद और निंदनीय है। किसी भी राजनीतिक दल को ऐसे गंभीर मामलों में जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस मामले में कड़ा रुख अपनाना सराहनीय है, लेकिन यह भी जरूरी है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।
इस घटना ने एक बार फिर से हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखें और ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करें ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके। यूपी विधानसभा में सीएम योगी का सपा पर यह तीखा हमला यह दिखाता है कि इस मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। हमें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा और ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वाले लोग सजा से नहीं बच सकेंगे।
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