CM Yogi Adityanath Meets Amit Shah: पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल की शपथ के बाद दिल्ली में बड़ी चुनावी हलचल देखने को मिल रही है. नई सरकार के गठन के बाद आज शाम मोदी कैबिनेट की पहली बैठक है. इससे पहले यूपी के सीएम योगी ने अमित शाह से मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात अमित शाह के आवास पर हुई. सीएम योगी ने अमित शाह को केंद्र में मंत्री बनने को लेकर बधाई दी है. दोनों के बीच ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है,जब आज शाम मोदी कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है.
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किन मुद्दों पर हुई चर्चा ?
शपथ ग्रहण समारोह के बाद अमित शाह और सीएम योगी की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि दोनों के बीच लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के चुनावी नतीजों को लेकर बातचीत हुई है. अमित शाह और सीएम योगी की मुलाकात को लेकर यह भी अटकलें लगी जा रही है कि अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच बीजेपी का अगला अगला अध्यक्ष कौन होगा को लेकर भी बात होने की संभावना है.
यूपी के नतीजों पर क्या बोले राजवीर सिंह ?
वहीं लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजें समाने आने के बाद बीजेपी नेता राजवीर सिंह ने कहा था कि भीतरघात के कारण चुनाव हार गए हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और एटा लोकसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए राजवीर सिंह ने दावा किया कि वो चुनाव नहीं हारे हैं, बल्कि भितरघातियों ने हराया है.
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भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा?
बीते दिन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समाहोर के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा. ऐसी चर्चाएं इसलिए हो रही है क्योंकि पार्टी के मौजूद अध्यक्ष जेपी नड्डा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. साल 2020 जनवरी में जेपी नड्डा ने अमित शाह की जगह भाजपा का अध्यक्ष पद संभाला था. बता दे कि जेपी नड्डा का अध्यक्ष के रुप में कार्यकाल इसी महीने समाप्त होना है.
बीजेपी को यूपी में लगा बड़ा झटका
आपको बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका यूपी में लगा है. यहां पर समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 37 सपा के खाते में गई है.वहीं भाजपा को 33 सीटों में ही संतोष करना पड़ा. इसी के साथ यूपी में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है. साल 2014 के चुनाव के बाद पहली दफा ऐसा हुआ जब भाजपा अपने दम पर बहुमत का आकड़े को पार नहीं कर पाई. यहीं कारण रहा कि इस बार बीजेपी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दलों पर निर्भरता बढ़ गई है.
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