CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इनकी मंशा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण में डकैती डालने की है। सीएम योगी ने कहा कि यूपीए सरकार अपने शासनकाल में पूर्व चीफ जस्टिस एवं कांग्रेस सांसद रंगनाथ मिश्रा कमीशन सिफारिशों को लागू करना चाहती थी। बता दें कि रंगनाथ मिश्रा कमीशन के तहत ओबीसी को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण में छह प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय को देने की बात कही गई थी। सीएम योगी बुधवार को बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यालय में मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
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कांग्रेस के घोषणात्र को लेकर कसा तंज
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की मंशा एससी, एसटी के अधिकारों में भी घुसपैठ करने की है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यूपीए सरकार में आई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट है, जिसे भाजपा के भारी विरोध के कारण उन्हें वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने घोषणात्र में संपत्ति का सर्वे कराने की बात कर रही है। वे लोग उसके बाद संपत्ति का अपने अनुसार बंदरबांट करेंगे। यूपीए सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बात का उल्लेख भी किया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने देश में चार जातियों की बात की है, गरीब, किसान, युवा और महिला। इसमें किसी जाति, मत-मजहब की बात नहीं है।
‘ये लोग तीन तलाक का समर्थन करते’
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस को देश की कीमत पर येन केन प्रकारेण सत्ता चाहिए। वह महिलाओं पर बर्बर अत्याचार करने वाले तालिबानी प्रवृत्ति को भारत में लागू करना चाहती है। ये लोग तीन तलाक का समर्थन करते हैं। कांग्रेस देश में शरीया कानून लागू करके तालीबानी विध्वंस की समर्थक है। उनके घोषणापत्र में आधी आबादी के अपमान के इरादे साफ दिखाई देते हैं। ये देश की सुरक्षा, संप्रभुता से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिसमें कांग्रेस की मंशा स्पष्ट उजागर होती है। इसके कारण 1947 में देश का विभाजन हुआ, देश आतंकवाद और उग्रवाद की चपेट में आया। सभी संस्थाएं भ्रष्टाचार में डूब गई थीं। देश में अविश्वास का माहौल खड़ा हो गया था। कांग्रेस फिर से देश को उधर लेकर जाना चाहती है।
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‘चेहरे देखकर योजनाओं का लाभ देने का कार्य किया जाता था’
इसी कड़ी में आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था। गरीबी नहीं हट पाई, क्योंकि उनके पास इसे लेकर कोई ठोस कार्यक्रम नहीं थे। उनके 19-20 सूत्रीय कार्यक्रम फाइलों में रह जाते थे। योजनाएं कमीशनखोरी की भेंट चढ़ जाते थे। चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ देने की प्रवृत्ति जो उस समय प्रारंभ हुई थी वो यूपीए के शासनकाल में हमें और विभत्स रूप में देखने को मिला था।
65 साल तक शासन करने के बाद भी उनका पॉलिटिक्स परफॉर्मेंस के आधार पर नहीं बन पाया। इनकी योजनाएं पिक एंड चूज की थीं, चेहरे देखकर योजनाओं का लाभ देने का कार्य किया जाता था। अब एक बार फिर दादी के दिये नारे को पोते के द्वारा किस प्रकार से तोता रटंत किया जा रहा है कि हम गरीबी हटाएंगे। ये कैसे करेंगे, इसे इनके घोषणा पत्र में देखा जा सकता है, ये खतरनाक भी है और हास्यास्पद भी।
‘आपका एक वोट आतंकवाद के पुराने दौर को वापस ला सकता’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जनता को तय करना है, क्योंकि देश आपका है, सुरक्षा आपकी है, जीवन आपका है और वोट भी आपका है। आपका एक वोट आतंकवाद के पुराने दौर को वापस ला सकता है। वहीं भाजपा को वोट जाने का मतलब आतंकवाद को सीमापार ही निपटाना। भाजपा को मिलने वाला एक-एक वोट हर व्यक्ति की सुरक्षा, सुशासन और संप्रभुता को सुनिश्चित करता है। भारतीय जनता पार्टी भारत को विकसित भारत के रूप में स्थापित करने की संकल्पना को लेकर आगे बढ़ रही है।