Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए अधिकारियों को नई नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं.सीएम योगी ने आज सुबह इस संबंध में अधिकारियों के साथ सीएम आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की.बैठक में सीएम योगी को अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि,बीते 7 वर्षों में प्रदेश में एक मंडल एक विश्वविद्यालय की परिकल्पना पूरी हो चुकी है सभी 18 मंडलों में विश्वविद्यालय की स्थापना भी हो चुकी है जबकि कई मंडलों में निर्माण कार्य निरन्तर जारी है.सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि,मंडल के बाद अब सरकार का लक्ष्य एक जिला-एक विश्वविद्यालय का है इसके लिए उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र के वित्तपोषण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
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अधिकारियों संग सीएम योगी की महत्वपूर्ण बैठक
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि,भारत के सबसे युवा राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा में एक विशेष स्थान रखता है.उत्तर प्रदेश जिसकी औसत आयु 21 वर्ष है ये 2030 तक बढ़कर 26 वर्ष हो जाएगी और भारत की युवा आबादी में इसका योगदान 16.5% होगा.वर्तमान में उत्तर प्रदेश की ग्रास एनरोलमेंट रेट (GER) 25.6% है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार 2035 तक 50% तक बढ़ाना आवश्यक है….निजी निवेश प्रोत्साहन नीति इस अंतर को पूरा कर सकती है।
निजी निवेश को उच्च शिक्षा में बढ़ाने का प्रोत्साहन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में आदेश दिया कि,प्रदेश में उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को देखते हुए निजी निवेश उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के सरकारी प्रयासों में सहायक हो सकता है.इससे छात्रों के लिए उपलब्ध संस्थानों,पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि होगी साथ ही शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयासों में भी सहायता मिलेगी।उच्च शिक्षा में निजी निवेश वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता है,इसके लिए अन्य राज्यों की सम्बंधित नीति का अध्ययन करें साथ ही स्टेकहोल्डर्स से संवाद करें और उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति तैयार कर प्रस्तुत करें।
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संपत्ति बंटवारे में विवाद खत्म करने की ओर कदम
आपको बता दें कि,बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें.अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम योगी ने निर्देशित दिया कि,उत्तर प्रदेश की ग्रास एनरोलमेंट रेट (GER) 25.6 प्रतिशत जिसको NEP के अनुसार 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाना आवश्यक है.इसके अलावा सरकार आम आदमी के लिए ईज ऑफ लिविंग का भी परिवेश सरकार तैयार कर रही है अब बिना किसी विवाद के पीढ़ियों की संपत्ति का आसानी से बंटवारा हो सकेगा।
अचल संपत्ति पर 5 हजार रुपये हो स्टाम्प शुल्क
5 हजार रुपये के स्टाम्प शुल्क के साथ अपनी अचल संपत्ति को रक्तसंबंधियों के नाम करने की बड़ी सहूलियत देने के बाद उत्तर प्रदेश में अब पारिवारिक विभाजन और व्यवस्थापन में भी बड़ी सुविधा मिलने जा रही है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि,एक परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे और जीवित व्यक्ति द्वारा संपत्ति को अपने परिवार के सदस्यों के नाम किए जाने पर देय स्टाम्प शुल्क भी 5 हजार रुपये तय किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा,अधिक खर्च के कारण आम तौर पर देखा गया है परिवार में विभाजन की स्थिति में विवाद की स्थिति बनती है और कोर्ट केस भी होते हैं.न्यूनतम स्टाम्प शुल्क होने से परिवार के बीच सेटलमेंट आसानी से हो सकेगा.मंगलवार को अधिकारियों संग एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी के ईज ऑफ लिविंग के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं….संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापना प्रक्रिया में सरलीकरण से लोगों को और सुविधा होगी।
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