Uttar Pradesh: पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी और तपती धूप से अब लोगों को राहत मिलने लगी है.उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है जिसके चलते प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि,बाढ़ के समय जन-धन की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है इसलिए सभी जिले पहले से अलर्ट पर रहें.सीएम योगी ने निर्देश दिया कि,जलशक्ति मंत्री क्षेत्र में जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें बाढ़ की दृष्टि से 24 जिले अतिसंवेदनशील हैं यहां पर समय से पहले सभी तरह की तैयारियां कर ली जाएं।
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बाढ़ प्रबंधन तैयारियों पर CM योगी की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,बाढ़ राहत शिविरों में ताजा भोजन और राहत सामग्री की गुणवत्ता से समझौता नहीं करें.बाढ़ के समय बीमारियां बढ़ जाती हैं जहां स्वास्थ्य टीमें गठित कर दी जाएं.बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा,प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 07 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं.
बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में कमी आई है.विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है.बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है.इस वर्ष भी बेहतर कोऑर्डिनेशन, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।
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बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अतिसंवेदनशील
प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।
अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। माननीय जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्य मंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें, साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें।
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मौसम विभाग ने जताई अधिक वर्षा होने की उम्मीद
सीएम योगी ने मौसम विभाग के अनुमान का जिक्र करते हुए बताया,मौसम विभाग के अनुसार इस साल पर्याप्त वर्षा होगी.नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों में सतर्कता बनाए रखें.आमजन की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्य के बेहतर बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए.भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो….केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें और यहां से प्राप्त आंकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।
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अधिकारियों को रेग्युलर मॉनीटरिंग का दिया निर्देश
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि,बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर रेग्युलर मॉनीटरिंग की जाती रहे.एनडीआरएफ,एसडीआरएफ/पीएसी फ्लड यूनिट और आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें.आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए.किसकी तैनाती कब और कहां होनी है, इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर लें.
सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए…नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें।बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है.ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट तैयार करके जिलों में पहुंचा दिया जाए.क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस आदि की उपलब्धता होनी चाहिए.बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो.बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी वहां पशुओं की सुरक्षा के भी प्रबंध होने चाहिए।
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