Jammu Kashmir Election: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 22 अगस्त को अपने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे और उन्होंने इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। जिसे लेकर यह कयास लगाया जा रहे थे कि विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Election) में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन कर सकते हैं। इसी दिशा में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने विधासनभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का एलान कर दिया था। संभवतः आज उसकी सूची भी जारी हो सकती है।
मगर इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर कटाक्ष किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने लोकसभा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी कुछ सवाल पूछे।
कश्मीर में आतंकवाद की वापसी का संकेत
इस गठबंधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर हमला बोला है। शनिवार को उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की वापसी का संकेत है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “भाजपा ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35(A) को समाप्त कर दिया था और अब हम विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर अपने राष्ट्रविरोधी इरादे जाहिर कर दिए हैं। हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है जिसमें भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ कई बिंदु शामिल हैं।”
भाजपा ने इस गठबंधन को ‘अपवित्र’ करार दिया
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया, “क्या कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अलग झंडे की घोषणा का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और उनकी पार्टी धारा 370 और आर्टिकल 35(A) को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के युग में धकेलने का समर्थन करते हैं?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का यह गठबंधन देश की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। भाजपा ने इस गठबंधन को ‘अपवित्र’ करार देते हुए कांग्रेस से सवाल किया है कि क्या वह अपने सहयोगी के ‘भारत को तोड़ने’ के एजेंडे का समर्थन करती है।
अलगाववादी ताकतों का समर्थन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वह अनुच्छेद 370 को बहाल करने के ‘अब्दुल्ला परिवार’ के चुनावी वादे का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य के बजाय पाकिस्तान के साथ वार्ता करके अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर रही है? इस तरह के आरोपों और सवालों के बीच जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन ने क्षेत्रीय राजनीति में नया मोड़ ला दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है।