Nitish Kumar on Reservation : बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री ने आरक्षण बढ़ाने के साथ-साथ सभी गरीबों को आर्थिक मदद का प्रस्ताव दिया है , इसके साथ मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने प्रस्ताव के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही समाप्ति की घोषणा कर दी है। वहीं इस सत्र कार्यवाही शुरू बुधवार को होने के साथ ही यह बात आगे बढ़ेगी और सरकार इसी सत्र के बाकी तीन दिनों के अंदर सारे प्रस्तावों को अधिसूचना के रूप में जारी कर सकती है।
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बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे पर बड़ा प्रस्ताव रखा है, और नीतीश कुमार ने आगे कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए, इसके साथ 50 की जगह 65 फीसद किया जाना चाहिए।
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कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा..
पहले से अगड़ी जातियों को 10 प्रतिशत है तो इस 65 प्रतिशत के बाद कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा, तब अनारक्षित 25 प्रतिशत बचेगा।बता दें कि नीतीश कुमार ने एससी के लिए 20, एसटी के लिए 2 और ओबीसी एवं ईबीसी के लिए 43 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा है। वहीं बिहार में ईबीसी के लिए आरक्षण 10 फीसद, एससी के लिए 16, एसटी के लिए 01, ईबीसी के लिए 18, ओबीसी के लिए 12 और ईबीसी एवं ओबीसी महिलाओं के लिए तीन फीसद है।
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आप हमारे मित्र हैं बैठिए…
आपको बता दें कि इस दौरान सदन में बीजेपी नेता प्रेम कुमार खड़े हो गए तो नीतीश कुमार ने कहा कि बैठिए न, आप हमारे मित्र हैं. मेरी बात तो सुन लीजिए। इसके बाद आप कुछ कहना चाहिएगा तो सुनेंगे। आपके कितनी इज्जत करते हैं। पूरी बात सुन लीजिए। रिपोर्ट जब बन गई तो अब आपके सामने रख दी गई है। हमने तो केंद्र से शुरू से कहा है कि इसे करा लेना चाहिए था। अभी तो देर हो गई है। 2020 और 2021 में होना था वो नहीं हुआ। हर दस साल पर हो रहा था. इसी साल शुरू कर दें न।
CM नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि..
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वालों और उसके विरोध करने वाले को भी करारा जवाब दिया है। बता दें कि CM नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि कहीं कहीं कोई बोल देता है कि इस जाति की संख्या बढ़ गई तो उस जाति की संख्या बढ़ गई। यह बताएं कि जब इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो आप कैसे कह रहे हैं कि इस जाति की संख्या घट गई और उस जाति की संख्या बढ़ गई? यह बहुत बोगस बात है. यह सब नहीं बोलना चाहिए। जब भी हुआ है केंद्र सरकार ने कराया है।