CM Himanta Biswa Sarma News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने फिर से मेघालय विश्वविद्यालय को निशाने पर लिया है। सोमवार को उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट की वास्तुकला पर सवाल उठाए है, जिसमें उन्होंने इसे इस्लाम के पवित्र स्थल मक्का से मिलती-जुलती बताया। मेघालय का यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, री-भोई जिले में स्थित है। सीएम हिमंत सरमा ने कहा कि विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर बने तीन गुंबद मक्का और मदीना के जैसे दिखते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह शिक्षण संस्थान शिक्षा को बर्बाद कर रहा है और इसके गुंबद वाले गेट ‘जिहाद’ के निशान हैं। सरमा ने इसे ‘बाढ़ जिहाद’ का भी नाम दिया।
बाढ़ के लिए विश्वविद्यालय को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले, सीएम हिमंत सरमा ने गुवाहाटी में अचानक आई बाढ़ के लिए विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मेघालय के री-भोई जिले में स्थित विश्वविद्यालय ने जंगलों और पहाड़ियों की कटाई की, जिसके कारण अचानक बाढ़ आ गई। इस विश्वविद्यालय का संचालन एक फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है, जिसे महबूबुल हक ने शुरू किया था। सरमा ने विश्वविद्यालय के चांसलर महबूबुल हक पर भी निशाना साधा,और कहा जो कि एक बंगाली मुस्लिम हैं और इस फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं।
धार्मिक विवाद की ओर इशारा
मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा, “वहां जाना शर्मनाक है, आपको ‘मक्का’ के नीचे जाना होगा। हम कह रहे हैं कि वहां एक नामघर (सामुदायिक प्रार्थना कक्ष) भी होना चाहिए। ‘मक्का-मदीना’, चर्च, तीनों बनाओ। वहां उन्होंने एक ‘मक्का’ रखा है। उन्हें नामघर बनाने दीजिए, चर्च बनाने दीजिए। हम तीनों के नीचे चलेंगे, एक के नीचे क्यों चलेंगे।” हालांकि, विश्वविद्यालय ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि गेट की वास्तुकला को लेकर कोई धार्मिक या राजनीतिक उद्देश्य नहीं था।
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