राजस्थान में होने वाली पीएम मोदी की सभा से सीएम अशोक गहलोत के भाषण को PMO ने हटा दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंबा-चौड़ा ट्वीट करते हुए आरोप लगाया है, कि उनके भाषण को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा हटा दिया गया है। ऐसे में मैं प्रधानमंत्री का स्वागत भाषण के माध्यम से नहीं करूंगा।
Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को राजस्थन में बड़ा कार्यक्रम है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहोलत ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया है, कि कार्यक्रस से पहले ही उनके भाषण को हटा दिया गया। बता दे कि मोदी सीकर के कस्बे में एक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
वे 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट करते हुए पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) पर बड़ा आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा है कि पीएमओ ने कार्यक्रम में 3 मिनट का उनका संबोधन हटा दिया है।
परियोजनाओं में राज्य सरकार का अंश…
प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम में 12 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करेंगे। जिस पर गहलोत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में सिर्फ केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की भी भागीदारी रही। कॉलेजों की कुल लागत में एक तिहाई हिस्सा राज्य सरकार का अंशदान है। सीएम गहलोत ने लिखा कि जो मांगे वो अपने भाषण के माध्यम से रखने वाले थे, वो उसे अब ट्वीट के माध्यम से सबके सामने रख रहे हैं।
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पीएमओ ने हटाया संबोधन…
सीएम गहलोत ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय PMO ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा।
अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।
आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केन्द्र की भागीदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपए है, जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है। मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं।’
कांग्रेस ना खुद काम करती, ना करने देती है…
पीएम ने कहा कि मुझे अफसोस है, कि अगर यहां डबल इंजन की पावर लगी होती तो विकास कितना तेज हो जाता। कांग्रेस जिस तरह चीजों को अटकाने-भटकाने और लटकाने की राजनीति करती है, उसमें विकास के कार्य कांग्रेस नेताओं द्वारा अधिकतर पटक ही दिए जाते हैं। ये लोग ना खुद काम करते हैं, और ना ही दूसरों को करने देते हैं।
राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति हर दिन खराब से खराब होती जा रही है। यहां से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उनका संदेश एक ही है- राजस्थान की संस्कृति और परंपरा और गौरव को बचाना है तो बीजेपी सरकार को वापस लाना ही होगा। कांग्रेस ने यहां का क्या हाल बना दिया है। ये राजस्थान के लोगों से छिपा नहीं है।
गहलोत की मांगे
- अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पहले जैसे जारी रखना।
- राजस्थान में जातिगत जनगणना के लिए भेजे गए संकल्प पर केंद्र सरकार तुरंत निर्णय ले।
- राज्य में पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60% की फंडिंग दे।
- राज्य सरकार द्वारा भेजे गए राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफ करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार मंजूर करे।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया मिले।
कांग्रेस में आपसी घमासान और लाल डायरी कांड के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर पहुंचेंगे। देशभर में ‘इंडिया’ अलायंस को लेकर पहले से ही राजनीति गर्म है। इसी बीच प्रधानमंत्री सीकर में अपनी सभा से राजस्थान के शेखावटी को साधेंगे।