राजस्थान विधानसभा को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया।गहलोत के नामांकन दाखिल करते वक्त हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी साथ पहुंचे और कांग्रेस जीतेगी के नारे लगाए।
विधानसभा चुनाव: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जोधपुर जिले के सरदारपुरा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। बता दे कि राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत ने 1977 में जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वही मुख्यमंत्री ने अपना नामांकन दाखिल करने से पहले अपनी बड़ी बहन विमला देवी का घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। नामांकन शपथपत्र के अनुसार गहलोत की संपत्ति में बढ़त हुई है। पांच साल में सीएम गहलोत की संपत्ति दोगुनी हो गई है। इसके अलावा उनके खिलाफ चार मामले भी दर्ज हैं। बता दे कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। राजस्थान में इस समय जमकर चुनाव प्रचार हो रहा है।
पत्नी के नाम बैंक में 65 लाख जमा…
अशोक गहलोत ने नामांकन पत्र में जानकारी दी है कि उनके पास 20 हजार नकद, उनकी पत्नी के पास 10 हजार नकद है। उन्होंने हलफनामे में बताया है कि उनके बैंक खातों में 1.93 करोड़ जमा है, जबकि पत्नी के नाम बैंक में 65 लाख जमा है। सीएम के पास आधा तोला सोना है। खुद के पास कोई वाहन नहीं है। मुख्यमंत्री के पास विधानसभा का दिया हुआ एक आईफोन, दो फ्रीज, दो एसी और दो कलर टीवी है।
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सीएम गहलोत ने क्या कहा?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘पहले राजस्थान को पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह बदल गया है। आज, राजस्थान में एम्स, आईआईटी, आईआईएम और अन्य विश्वविद्यालय हैं। जब मैं पहली बार सीएम बना, तो केवल 6 विश्वविद्यालय थे और अब 100 से ज्यादा कॉलेज हैं। राज्य की जनता राजस्थान में सरकार दोहराने के मूड में है।’
कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है सरदारपुरा सीट…
सरदारपुरा को कांग्रेस के गढ़ के रूप में देखा जाता है और 1998 के बाद से सभी चुनावों में गहलोत इस सीट से जीते हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्हें 63 प्रतिशत वोट मिले थे। नामांकन पत्र दाखिल करते समय मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता गहलोत और बेटे वैभव गहलोत उनके साथ थे। नामांकन दाखिल करने से पहले सीएम ने अपनी बहन का आशीर्वाद लिया।
1998 में गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने…
कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर 1998 में गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है, कि तब गहलोत विधायक नहीं थे, तो उनके लिए सरदारपुरा सीट से जीते मानसिंह देवड़ा ने इस्तीफा दे दिया था। फिर गहलोत ने उपचुनाव में जीत हासिल की और सीएम की कुर्सी पक्की कर ली। इसके बाद से वे सरदारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से वे लगातार 5 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं।
चर्चा में दिव्या मदेरणा भी…
जोधपुर के ही ओसियां से विधायक दिव्या महिपाल मदेरणा भी नॉमिनेशन फाइल कर रही हैं। वो हफ्ते भर पहले से ही सोशल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं। सीएम गहलोत को लगातार आंखें दिखाने वाली मदेरणा ओसियां से ही पर्चा दाखिल करेंगी। एक दिन पहले ही नामांकन को लेकर पोस्ट शेयर की