पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जरुरत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहां कि ‘हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है, जिसमें हर रंग के फूल हैं। हर धर्म, आस्था और उनके रीति-रिवाजों का सम्मान किया जाना चाहिए।
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने समान नागरिक संहिता पर बड़ा बयान दिया है। बता दे कि मंगलवार को पत्रकारों के सवाल पर कहा कि हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है। इसमें हर रंग का फूल होता है, इसी तरह हर धर्म का अपना अपना कल्चर है। सा ही उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने इस तरह की चुनावी रणनीति अपनाई है। वही सीएम मान का बयान AAP के वरिष्ठ नेता संदीप पाठक द्वारा मीडिया को दिए गए उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि AAP “सैद्धांतिक रूप से” समान नागरिक संहिता का समर्थन करती है।
अध्यादेश पर आप का समर्थन करे कांग्रेस…
भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश का कांग्रेस को विरोध करना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस पार्टी भाजपा की गलत नीतियों का सबसे ज्यादा नुकसान उठा रही है। राहुल गांधी की सदस्यता तक रद्द कर दी गई। उनसे सरकारी घर तक छीन लिया गया है। ऐसे में सभी को एकजुट होने की जरूरत है।
भगवंत मान ने भाजपा का एजेंड़ा बताया…
सीएम भगवंत मान ने कहा कि भाजपा का एजेंडा है कि जब भी चुनाव नजदीक आते है, तो ये धर्म के बारे में बात करना शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों और उनके रीति-रिवाजों का सम्मान किया जाना चाहिए। आम सहमति बनाने के लिए सभी से बात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसे मुद्दों से छेड़छाड़ क्यों करते रहते हैं। सीएम ने भाजपा से सवाल उठाया कि क्या संविधान में इसकी परिकल्पना की गई थी। उन्होंने कहा कि संविधान कहता है, कि यदि सभी नागरिक सामाजिक रूप से समान हैं तो नागरिक कानूनों के सामान्य सेट को लागू किया जाए।
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मान से पहले आप नेता की सहमति…
पंजाब के सीएम भगवंत मान के बयान से पहले आप आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने 28 जून को कहा था, कि उनकी पार्टी यूसीसी पर सैद्धांतिक रुप से सहमत है। पाठक के बयान के बाद से ही पंजाब में विपक्षी दलों ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को निशाने पर लेना शुरू कर दिया था। विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया था, कि वह लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की विभाजनकारी एजेंडे को समर्थन देने का आरोप लगाया था।
पिछले साल, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गुरुद्वारों को नियंत्रित करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने समान नागरिक संहिता के खिलाफ एक बयान जारी किया था, और कहा था कि यह देश के हित में नहीं है। एसजीपीसी में फिलहाल अकाली दल के सदस्यों का दबदबा है। इसने बार-बार भगवंत मान सरकार के साथ टकराव की स्थिति पैदा की है।