Arvind Kejriwal: दिल्ली की अदालत ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की न्यायिक हिरासत को 2 सितंबर तक बढ़ा दिया है. विशेष जज कावेरी बावेजा ने यह निर्णय लिया, जब सीएम केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों के बाद, अब अदालत ने हिरासत की अवधि को और बढ़ा दिया है.
ईडी और सीबीआई के मामलों में उलझे केजरीवाल
बताते चले कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पहली गिरफ्तारी 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई थी. इसके बाद, 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार किया. इस बीच, दिल्ली की निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. बाद में, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी के केस में अंतरिम जमानत दी, हालांकि सीबीआई के मामले में उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली है और वे जेल में बंद हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका, हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती
आपको बता दे कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी को उचित ठहराया था, और कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं है. हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें निचली अदालत का रुख करने को कहा. इसके बाद, सीएम केजरीवाल ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. इस मामले में वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद, चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस याचिका पर विचार करेंगे.
अदालत के फैसले का असर
दिल्ली की अदालत द्वारा सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की न्यायिक हिरासत को 2 सितंबर तक बढ़ाए जाने का फैसला उनके लिए एक और झटका है. इस मामले में विभिन्न कानूनी प्रकरण और अदालती आदेशों के चलते, केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका की सुनवाई के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि उन्हें आगे कोई राहत मिलती है या नहीं. फिलहाल, उनके राजनीतिक करियर और दिल्ली की राजनीति पर इस मामले का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है.
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