Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मनाली (Manali) में आधी रात के बाद अंजनी महादेव नदी और आखरी नाले में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इस अप्रत्याशित घटना ने पलचान, रुआड और कुलंग गांवों में अफरा-तफरी मचा दी। भयंकर आवाजों से हर कोई सहम गया और स्थिति भयावह हो गई। पलचान में बाढ़ की चपेट में आने से दो घर पूरी तरह से बह गए हैं जबकि एक घर को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पुल और पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान हुआ है। घरों में रह रहे लोग भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे, लेकिन उनके घर बाढ़ की चपेट में आ गए। स्नो गैलरी में मलबा आने से मनाली-लेह मार्ग भी बंद हो गया है, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है।
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प्रशासन की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन दलबल के साथ मौके पर पहुंचा और राहत कार्य में जुट गया। पलचान और सोलंग के पास के क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। पलचान पंचायत की बीडीसी सदस्य रेशमा देवी और प्रधान कौशल्या व पूर्व प्रधान सुंदर ठाकुर ने बताया कि रात लगभग एक बजे अंजनी महादेव नदी में बाढ़ आ गई थी, जिससे गहरी नींद में सोए लोग जाग गए और सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
बंद हुआ मनाली-लेह मार्ग
पलचान और सोलंग के समीप स्नो गैलरी में मलबा आने से मनाली-लेह मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इसे जल्द से जल्द खोलने का प्रयास कर रहे हैं ताकि यातायात सामान्य हो सके।
नुकसान का आंकलन
मनाली प्रशासन लगातार नुकसान का आंकलन कर रहा है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है। बाढ़ से धनी राम और खिमी देवी के घर पूरी तरह से बह गए हैं जबकि सुरेश के घर को आंशिक नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने पतलीकूहल तक के लोगों को सतर्क किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
बांधों की स्थिति
बादल फटने के बाद लारजी और पंडोह बांध में अभी स्थिति सामान्य बनी हुई है। भुंतर में सुबह सात बजे 12380 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया है। लारजी बांध का जलस्तर 966.90 मीटर पर है जबकि बांध की अधिकतम क्षमता 968 मीटर है। बीबीएमबी के पंडोह बांध से 9256 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और निचले क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
मौसम की स्थिति
आज के मौसम की बात करें तो मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों पर न्यूनतम तापमान में कुछ बदलाव संभावित है। अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने की आशा है। शिमला का अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहेगा। आज भी भारी बारिश के अनुमान बने हुए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं के समय में प्रशासन की तत्परता और राहत कार्यों की गति सराहनीय है। लेकिन, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हमें और अधिक सतर्कता और पूर्व तैयारी की आवश्यकता है।
आपदाओं के पूर्वानुमान और बचाव कार्यों के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित करने की जरूरत है, जिससे मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हिमाचल प्रदेश जैसी पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटना और बाढ़ जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं, इसलिए स्थानीय निवासियों को भी जागरूक और सतर्क रहना चाहिए।