लखनऊ संवाददाता- Mohd Kaleem
लखनऊ: नशे में ड्यूटी करने के आरोप में जालौन स्थित कालपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक पर गाज गिरी। डिप्टी सीएम ने सीएचसी अधीक्षक को निलंबित करते हुए झांसी स्थित अपर निदेशक कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। साथ ही डॉ. उदय के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अधीक्षक पर मरीजों का निजी पैथोलॉजी से जांच कराने का आरोप है। इन मामलों की डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही गाजीपुर के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुजीत कुमार मिश्र के प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
निजी पैथोलॉजी का पता बताया…
जालौन के हीरापुरस गांव निवासी डालचन्द्र के 26 वर्षीय बेटे श्रीलाल की तबीयत बिगड़ गई थी। परिजन पांच जुलाई को बेटे को लेकर सीएचसी पहुंचे। सीएचसी अधीक्षक डॉ. उदय कुमार ने मरीज श्री लाल को खून संबंधी जांच लिखी। साथ ही जांच अस्पताल से न कराने की सलाह दी। निजी पैथोलॉजी का पता बताया। लगातार दो दिनों तक मरीज को भेजकर वहां से जांच कराई। रोगी दूसरे दिन निजी पैथोलोजी नहीं पहुंच पाया। मरीज की मौत हो गई। मामले की जांच कराई गई। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उदय कुमार द्वारा नशे में ड्यूटी किये जाने की बात भी सामने आयी।
नशे में ड्यूटी करते हुए अपने दायित्वों में लापरवाही बरती गई…
अस्पताल में पैथोलॉजी जांच की पर्याप्त सुविधाएं हैं। इसके बावजूद खून की जांच निजी पैथालॉजी से कराई गई। साथ ही मरीज को समय से एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। नशे में ड्यूटी करते हुए अपने दायित्वों में लापरवाही बरती गई। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दोषी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उदय कुमार को निलम्बित कर दिया है। झांसी स्थित अपर निदेशक कार्यालय से डॉ. उदय को सम्बद्ध कर दिया गया है। साथ ही डॉ. उदय के खिलाफ वृहद् दण्ड की विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
सरकारी कार्यों में दिलचस्पी नहीं दिखाई…
बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने और सख्ती शुरू कर दी है। गाजीपुर के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुजीत कुमार मिश्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि डॉ. सुजीत उच्चाधिकारियों निर्देशों की अवहेलना कर रहे थे। बिना सूचना ड्यूटी से अनुपस्थित रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस में संलिप्त थे। टीकाकारण जैसे जनहित के सरकारी कार्यों में दिलचस्पी नहीं दिखाई। लिहाजा डॉ. सुजीत कुमार मिश्रा के विरुद्ध वृहद दण्ड की विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिये गये हैं।