Chandrayaan-3: ISRO के चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है। जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करता है। आपको बता दें कि सिर्फ सात दिन बचे हैं चांद की सतह पर Chandrayaan-3 की लैंडिंग के लिए। बीते दिन यानी की 16 अगस्त की यह सुबह चांद की पांचवीं कक्षा में पहुंच गया। सिर्फ एक मिनट के लिए इंजन को ऑन किया गया था। अब वह 153 km x 163 km की ऑर्बिट में घूम रहा है।
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एक अहम पड़ाव को पार कर लिया
ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के एक अहम पड़ाव को पार कर लिया है। चंद्रयान से अलग होकर लैंडर विक्रम अब अकेले ही चांद की ओर बढ़ चला है। अल लैंडर विक्रम को आगे का रास्ता अकेले तय करना होगा। यह भी जान लीजिए कि विक्रम लैंडर ही 23 अगस्त को शाम 5.25 बजे चांद पर लैंड करेगा। बता दें कि साइंटिस्ट टी. वी. वेंकटेश्वरन ने बताया कि लैंडर के पेट के अंदर रोवर मौजूद है।
धरती से अब तक लैंडर और रोवर के साथ प्रॉपल्शन मॉड्यूल ने सफर तय किया था। आज इसरो ने सेपरेशन का फैसला किया। इससे दो चीजें स्पष्ट हो जाती हैं। पहला, लैंडर मॉड्यूल का इंजन और दूसरी चीजें ठीक से काम कर रही हैं। अलग होने के बाद लैंडर अपने पैरों पर खड़ा हो गया है यानी उसके पास पूरी क्षमता है। दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात लैंडर अलग होने के बाद अब वह 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करेगा।
ISRO ने ट्विटर पर दी जानकारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ISRO ने बताया है कि लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। कल 18 अगस्त को लैंडर की डीबूस्टिंग की जाएगी। बता दें कि अब प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में 3-6 महीने रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा और लैंडर-रोवर 23 अगस्त को शाम को करीब 5:47 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। यहां वो करीब 14 दिनों तक समय बिताएंगे और चांद के तमाम रहस्यों से पर्दा उठाएंगे।
वैज्ञानिक वेंकटेश्वरन ने बताया ..
आगे लैंडर फूंक-फूंककर कदम रखेगा। चांद की सतह से 100 मीटर की दूरी होने पर अपना लैंडर रुकेगा और वह मुआयना करेगा कि क्या वह सही जगह पर है। विज्ञान प्रसार के अंतरिक्ष वैज्ञानिक वेंकटेश्वरन ने बताया कि इसरो ने पिछले फेल्योर का स्टडी कर पूरी तैयारी के साथ चंद्रयान-3 को भेजा है। इसे ऐसे समझ लीजिए कि लैंडर के पास चार इंजन हैं।
उसमें से दो इंजन भी काम करेंगे तो कोई दिक्कत नहीं होगी। दरअसल, 40-50 दिन बाद लैंडर का इंजन अब स्टार्ट हुआ है इसलिए इसरो ने तैयारी पुख्ता कर रखी थी। इस बार लैंडर के पैर को काफी शक्तिशाली बनाया गया है जिससे वेग में भी लैंडर उतरा तो क्रैश नहीं होगा। पूरा भारत इस समय चांद पर उतरने की कामना और प्रार्थना कर रहा है। सोशल मीडिया पर #Chandrayaan3 और #ISRO लगातार ट्रेंड कर रहा है।